इंदौर. बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड केस (Bhaiyyu Maharaj Case) में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने शिष्या पलक और सेवादार समेत तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है। भैय्यू महाराज की जिंदगी शानो-शौकत और विवादों (Bhaiyyu maharaj controversy) से भरी रही है। भैय्यू महाराज ने आयुषी और माधवी (Bhaiyyu maharaj wife) से शादियां की थी। लेकिन दोनों के बीच पलक (Palak) की एंट्री होती है। पलक ही महाराज को अश्लील MMS (bhaiyyu maharaj mms blackmaling) से ब्लैकमेल करती थी। आपकों भैय्यू महाराज की जिंदगी के कुछ दिलचस्प और विवादित किस्से बताते हैं।
मॉडलिंग छोड़कर संत बने: मध्यप्रदेश के शुजालपुर में जन्मे उदयसिंह देशमुख यानी भय्यूजी महाराज ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी। उन्होंने 80 के दशक में सियाराम फेब्रिक्स और ड्यूक के लिए मॉडलिंग की। इसके बाद वो अचानक मॉडलिंग की दुनिया छोड़कर धर्म और अध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े।
मॉडर्न संत थे भय्यूजी: महाराज गृहस्थ जीवन में रहते हुए संत-सी जिंदगी जीते थे। उनको मॉडर्न और राष्ट्रीय संत कहा जाता है। मर्सेडीज जैसी महंगी गाड़ियों में चलने वाले भय्यू जी रोलेक्स ब्रैंड की घड़ी पहनते थे और आलीशान बिल्डिंग में रहते थे।
दो शादियां की थी, और पलक की ब्लैकमेलिंग: महाराज की पहली पत्नी माधवी थी। माधवी की मौत के बाद उन्होंने 46 की उम्र में आयुषी से शादी की। पलक की एंट्री भय्यू की पहली पत्नी माधवी की मौत के बाद केयर टेकर के तौर पर हुई थी। उसने भय्यू के अकेलेपन का फायदा उठाया और उनसे प्रेम संबंध बनाए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पलक भय्यू के बेडरूम में भी रहने लगी थी। पलक ने भय्यू का अश्लील वीडियो बना लिया था और इसके जरिए भी वह उन्हें ब्लैकमेल करती थी। इसी बीच भय्यू की शादी आयुषी के साथ 17 अप्रैल 2017 को हो गई।
ब्लैकमेलिंग का गंदा खेल: पलक ने भय्यू को ब्लैकमेल कर उनसे 25 लाख रुपये भी ऐंठ लिए। पलक ने भय्यू पर एक साल के भीतर शादी करने का दबाव बनाया और कहा कि अगर शादी नहीं की तो शनि (दाती) महाराज जैसा हाल कर देगी।
वेश्याओं के बच्चों को अपना नाम दिया: भय्यूजी महाराज पद, पुरस्कार, शिष्य और मठ के विरोधी रहे। उनके अनुसार देश से बड़ा कोई मठ नहीं होता है। व्यक्तिपूजा को वह अपराध की श्रेणी में रखते थे। उन्होंने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज सेवा के बडे़ काम किए। महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पंडारपुर में रहने वाली वेश्याओं के 51 बच्चों को उन्होंने पिता के रूप में अपना नाम दिया। यही नहीं बुलढाना जिले के खामगांव में उन्होंने आदिवासियों के बीच 700 बच्चों का आवासीय स्कूल बनवाया। इस स्कूल की स्थापना से पहले जब वह पार्धी जनजाति के लोगों के बीच गए, तो उन्हें पत्थरों से मार कर भगा दिया गया लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आखिर में उनका भरोसा जीत लिया। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में उनके कई आश्रम हैं।
बेटी और पत्नी के बीच संपत्ति विवाद: इंदौर के सूर्योदय आश्रम समेत भय्यूजी महाराज के देश के कई शहरों में आश्रम और संपत्तियां जिनकी कीमत करीब 1 हजार करोड़ रुपए है। इन्हीं संपत्तियों को लेकर भय्यूजी महाराज की बेटी कूहू और उनकी पत्नी यानी कुहू की सौतेली मां डॉ. आयुषी के बीच विवाद चल रहा है। पुणे से इंदौर पहुंची कुहू ने ट्रस्ट में वित्तीय गड़बड़ी की आशंका जताते हुए अपनी जान को खतरा बताया है। उनका कहना है कि जिस तरह उनके पिता की संदिग्ध मौत हुई है उसी तरह की घटना उनके साथ भी हो सकती है. इसलिए उसने अपनी सुरक्षा की मांग की है।