chhindwara. कश्मीर (kashmir) के बारामूला (baramula) में आतंकवादियों (terrorists) से हुई मुठभेड़ (Encounter) में सैनिक भारत यदुवंशी (soldier bharat yaduvanshi) शहीद (Martyr) हो गए। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम रोहनाकला निवासी भारत यदुवंशी भारतीय थल सेना (Indian army) में सैनिक के पद पर पदस्थ थे। वर्तमान में वे कश्मीर के बारामूला इलाके में पदस्थ थे। बुधवार को गश्त करते समय आतंकवादियों के साथ सैन्य कार्रवाई (military action) में वो वीरगति (gallantry) को प्राप्त हुए। शहीद का पार्थिव शरीर (mortal remains) जैसे ही छिंदवाड़ा पहुंचा तो पार्थिव शरीर को श्रद्धांजली (tribute) देने लोगों का जनसैलाब (crowd) उमड़ा।
लाखो नम आंखों ने दी अंतिम विदाई
देश की रक्षा करते हुए बारामूला सेक्टर में आतंकवादी के हैंड ग्रेनेड का शिकार हुए छिंदवाड़ा के सपूत भारत यदुवंशी को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई (last farewell) दी गई। उनके अंतिम संस्कार (Funeral) में हजारों लोग शामिल हुए। जिन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सलामी देकर देश की रक्षा के लिए शहीद हुए भारत यदुवंशी को नम आंखों से विदा किया। अमर शहीद को उनकी मासूम बेटियों ने मुखाग्नि दी जिसे देखकर हर किसी की आंख नम हो गईं।
शहीद के नाम पर होगा गांव का नाम
रोहना कला के अमर शहीद भारत यदुवंशी को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे प्रभारी मंत्री कमल पटेल (kamal patel) ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत का नाम इतिहास (history) के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। अब रोहना कला का नाम भारत होगा। प्रभारी मंत्री ने यह भी घोषणा (Announcement) की कि रोहना कला में एक तालाब (Pond) भी बनाया जाएगा जिसका नाम भी अमर शहीद भारत के नाम पर रखा जाएगा।
साल 2016 में भारतीय सेना की भर्ती में शामिल होने के बाद और सभी परीक्षाओं (exams) को पास करने के बाद भारत यदुवंशी सैनिक (soldier) के पद पर चयनित हुए। उन्होंने प्राथमिक, हाईस्कूल व हायर सेकंडरी तक की शिक्षा शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल रोहनाकला से पूरी की थी और छिंदवाड़ा के डी.डी.सी. कॉलेज (DDC Collage) से बी.कॉम (B.com) किया था। उन्हें शुरुआत से ही सेना में जाने का जूनन था। भारत यदुवंशी ने भारत माता की सेवा और रक्षा का संकल्प (Pledge to serve and protect Mother India) लिया था।
फर्स्ट अटेम्पट में ही हो गए थे सेना के लिए सलेक्ट
शहीद सैनिक भारत यदुवंशी माता-पिता का खेती में हाथ बंटाने के साथ ही अपनी पढ़ाई पूरी की। कड़ी महनत के बाद वे पहले ही प्रयास (first attempt) में सेना में चयनित (select) हो गए और देश की सेवा के लिए भारतीय सेना (indian army) में शामिल हो गए। पिछले एक साल से वह कश्मीर के बारामूला में तैनात थे। परिवार के सदस्यों का कहना है कि जिस जगह सैनिक भारत तैनात थे, वो अकेले दम पर मोर्चा संभाल रहे थे (He was handling the front alone)। आतंकवादियों से लड़ते हुए बुधवार को जिले के वीर सपूत वीरगति को प्राप्त हुए।
पीछे छोड़ गए भरा पूरा परिवार
शहीद जवान की चार साल पहले ही शादी हुई थी। शहीद भारत के पिता ओमप्रकाश उर्फ गुड्डू यदुवंशी किसान (Farmar) हैं। मां सुशीला यदुवंशी गृहिणी (house wife) हैं। परिवार में एक बहन सोनम (sister sonam), एक छोटा भाई नारद यदुवंशी है (brother narad yaduwanshi)। पत्नी उर्मिला (wife urmila) की दो बेटियां यशी और अप्पू (daughter yashi and appu) हैं और वो गर्भवती (pregnant) भी है। पति की शहादत की खबर मिलते ही वह शांत है और किसी से बात नहीं कर पा रही। बेटे को याद कर मां भी अपना आपा खो दिया। गांव में मातम का माहौल छा गया। शहीद के घर पहुंचने वालों का तांता लगा दिखाई दिया। छोटा भाई भी आर्मी (younger brother in army too) में है और फिलहाल कश्मीर के पुलवामा में तैनात हैं।
नम आंखों से दी विदाई
छिंदवाड़ा के वीर सपूत शहीद भारत यदुवंशी (brave son martyr bharat yaduvanshi) का पार्थिव शरीर जब उनके गृहग्राम (home village) पहुंचा तो सैकड़ों लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। परिवार के साथ छुट्टी बिताने के बाद सीमा की रक्षा करने भारत यदुवंशी जम्मू कश्मीर पहुंचे थे। वे वहां आतंकी मुठभेड़ में ग्रेनाइट (granite) फटने के कारण बुरी तरह घायल हो गये थे, 1 घंटे तक चले उपचार (remedy) के बाद भारत यदुवंशी ने आखिरी सांसें लीं।