भिंड की बेटियां भी अब बॉक्सिंग रिंग में, 30 से ज्यादा स्टूडेंट्स का संभाग स्तरीय कॉम्पिटीशन में सिलेक्शन

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
भिंड की बेटियां भी अब बॉक्सिंग रिंग में, 30 से ज्यादा स्टूडेंट्स का संभाग स्तरीय कॉम्पिटीशन में सिलेक्शन

सुनील शर्मा, BHIND. आजादी के बाद दशकों तक डकैतों और अपराधों के साथ-साथ पैदा होते ही बेटियों को मार देने के लिए बदनाम भिंड जिला अब बदल रहा है। यहां के युवा और बेटियां पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी देश और प्रदेश स्तर पर जिले का नाम रोशन करने में जुटे हैं। खेलों की बढ़ती रूचि को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने भिंड की उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय को बॉक्सिंग रिंग प्रदान की है। जिसमें आधा सैकड़ा छात्र-छात्राएं दिन-रात प्रैक्टिस कर राष्ट्रीय स्तर पर खेल कर देश का नाम रोशन करने के सपने देख रहे हैं। इनमें से तीन दर्जन छात्र-छात्राओं का चयन जिला स्तरीय प्रतियोगिता में संभाग स्तर पर खेलने के लिए हुआ है।



बेटियां बेटों से कम नहीं



बेटियों का कहना है कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती, और वह किसी भी क्षेत्र में कहीं भी पीछे नहीं है, अब वे पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी अपने कैरियर को तलाश रहीं है, उनका कहना है कि बॉक्सिंग जैसे खेल में भी लड़कियां अपना कैरियर चुन सकती हैं। इसी वजह से उनके घर वाले भी बॉक्सिंग जैसे खेल की रिंग में बेटियों को भेजने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। वहीं शिक्षक भी पूरी लगन के साथ उनको ट्रेनिंग दे रहे हैं। भिंड जिले के बेटे और बेटियों का लक्ष्य देश और प्रदेश स्तर पर गोल्ड हासिल कर जिले का नाम रोशन करना है और जिले के माथे पर डकैतों और अपराधियों के नाम के लगे कलंक हो मिटाना है



जिले ने दिए कई IPS, IAS अधिकारी



शिक्षा के क्षेत्र में भी बीते साल भिंड जिले के मेहगांव की दो सगी बहनें प्रियंका शुक्ला और मिनी शुक्ला ने यूपीएससी परीक्षा क्रेक कर आईपीएस में पहुंचकर सबको चौंका दिया तो बीहडी के गांव गोरम के छात्र विकास सिंथिया भी यूपीएससी क्रेक कर IAS बने, इससे पहले भी भिंड जिले ने कई IAS और IPS अधिकारी दिए हैं,।  फिर चाहे वो निवसाई गांव के IAS दीपेन्द्र सिंह हो, अक़ोड़ा गांव के निवासी IAS धनंजय सिंह, पूर्व सांसद भगीरथ प्रसाद की बेटी सिमाला प्रसाद भी आज IPS अधिकारी हैं, इसी तरह फ़हरिस्त साल दर साल बढ़ रही है, और जो भिंड ज़िले का नाम देश में रौशन कर रहे हैं।



खेल में भी पीछे नहीं बेटियां



खेल की बात करें तो भिंड जिले की दिव्यांग बेटी पूजा ओझा ने पैराकेनो कायाकिंग में एशियन गेम्स में भारत का नाम रोशन कर गोल्ड दिलाया है। वहीं पूजा विश्व पैरा ओलंपिक के 10 खिलाड़ियों में 6 वी रैंक पर है ,तो वहीं भिंड की 21 बेटियों ने 2020 में हुई प्रदेश स्तर की राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड समेत कई मेडल हासिल कर जिले का नाम रोशन किया था।

 


भिंड न्यूज भिंड में अफसर बन रहे छात्र भिंड में बदलाव भिंड की बेटियां बॉक्सिंग रिंग में students becoming officers in Bhind changes in Bhind Bhind daughters in the boxing ring Bhind News