भोपाल. भोपाल (Bhopal) में दर्दनाक हादसा हुआ। सीवेज टैंक (sewage tank) में इंजीनियर सहित 2 लोगों की मौत हुई। टैंक करीब 20 फीट गहरा था। घटना भोपाल के लाऊखेड़ी इलाके (Laukheri area) की है। यहां अंकिता कंस्ट्रशन कंपनी सीवेज को ठीक कराने का काम कर रही है। सीवेज लाइन अभी बंद है। टैंक में बारिश और घरों से निकलने वाला गंदा पानी भरा हुआ है। इंजीनियर दीपक सिंह (Engineer Deepak Singh) एक मजदूर के साथ जांच करने के लिए गए थे। जहां टैंक में दोनों के शव मिले।
ऐसे पता चला था हादसे का
घटना स्थाल के पास से सोनू मीणा (Sonu Meena) नाम का राहगीर गुजर रहा था। जिसे सीवेज टैंक के पास जूते रखे दिखाई दिए। टैंक के पास जूते देखकर सोनू को अप्रिये घटना का संदेह हुआ। उसने गांधी नगर पुलिस को आशंका के आधार पर सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने नगर निगम और रेस्क्यू टीम को खबर दी। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की, जिसमें पता चला कि दो लोग टैंक में काम कर रहे थे। रेस्क्यू टीम ने 30 मिनट का रेस्क्यू ऑपरेशन किया। जिसमें दो लाश मिली। लाशों को पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया हैं।
मंत्री ने जांच के आदेश दिए
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Urban Development and Housing Minister Bhupendra Singh) ने इस मामले में नगर निगम कमिश्नर को 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। पुलिश के अनुसार प्रथम दृष्टया उनकी मौत जहरीली गैस से दम घुटने से हुई है। निकासी नहीं होने के कारण चैंबर में कई फीट पानी भरा हुआ है। इस वजह से जहरीली गैस बनी होगी। इस कारण हादसा होने की ज्यादा संभावना है। प्राथमिक सूचनाओं के अनुसार दोनों की मौत दम घुटने की वजह से हुई। हो सकता है कि उन्होंने बंद सीवेज की हालत देखने नीचे उतरे हो और जहरीली हवा का शिकार हो गए हो। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने पर ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
इसलिए शंका हो रही
कंपनी के कुछ लोगों का कहना है कि उनके पास सीवेज लाइन का काम है। हर दिन इंजीनियर और मजदूर जांच करते हैं। रुटीन मेजरमेंट का काम होता है। यह तो बाहर से ही हो जाता है। अंदर जाने की जरूरत ही नहीं थी। दीपक सिंह और मजदूर अंदर क्यों उतरे, यह समझ से परे है।
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