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Bhopal. पूर्व आईएएस राधेश्याम जुलानिया और विवादों का साथ उनके रिटायर होने के बाद भी छूटता नजर नहीं आ रहा है। नया विवाद उनके निर्माणाधीन बंगले को लेकर सामने आया है। राजधानी भोपाल में टाइगर मूवमेंट एरिया में गाइड लाइन का उल्ल्ंघन कर बनाए गए बंगले को लेकर जिला अदालत ने एसीएस रहे जुलानिया को नोटिस जारी कर तलब किया है। अदालत ने जुलानिया के साथ उनकी पत्नी अनीता को भी नोटिस दिया है। जुलानिया और उनकी पत्नी को 23 जून 2022 को अदालत में हाजिर रहकर अपना जवाब देना होगा।
यह है पूरा मामला
राजधानी की 22वें अपर जिला न्यायाधीश ने वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र जैन के आवेदन पर यह कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जैन ने अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि टाइगर मूवमेंट एरिया में जुलानिया ने 600 वर्गफीट की अनुमति लेकर 6000 वर्गफीट से अधिक भू क्षेत्र पर बंगले का निर्माण कर लिया है। वरिष्ठ पत्रकार जैन ने दस्तावेजों के साथ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जैन ने नगर निगम पर आरोप लगाया है कि निगम अधिकारियों की मिलीभगत से यह अवैध निर्माण किया गया है। अदालत ने इस मामले में जुलानिया दंपति के साथ नगर निगम आयुक्त को भी नोटिस जारी कर 23 जून को सुबह 11 बजे हाजिर होने को कहा है। पूर्व आईएएस जुलानिया ने राजधानी के वार्ड क्रमांक 26 अंतर्गत बरखेड़ा खुर्द में प्लाट नंबर 33 व्हिस्पिरिंग पाम्स कालोनी में आवास का निर्माण किया है।
कैसे हुआ है नियमों का उल्लंघन
राजधानी का बरखेड़ा खुर्द क्षेत्र में बाघों का मूवमेंट बना रहता है। वन विभाग द्वारा इस क्षेत्र को टाइगर मूवमेंट एरिया घोषित कर रखा है। मगर इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में आईएएस, आईपीएस और रसूखदारों ने आलीशान कोठियां बना रखी है। अपनी कोठियों के निर्माण में रसूखदारों ने वन विभाग व राजस्व विभाग के नियमों को अनदेखा कर रखा है। टाइगर मूवमेंट वाले इस क्षेत्र में नगर निगम द्वारा अधिकतम 600 वर्गफीट पर निर्माण की अनुमति दी जा सकती है। मगर जुलानिया ने 6000 वर्गफीट पर बंगला बनाया है।
एनजीटी भी कर चुका है आपत्ति
राजधानी में कई आईएएस—आईपीएस व रसूखदारों ने ग्रीन बेल्ट व बाध भ्रमण क्षेत्र में आलीशान कोठियां व रिसोर्ट बना लिए हैंं। इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी आपत्ति जता चुका है। राजधानी में भी कलियासोत पहाड़ी पर कई कालोनियां काटकर रसूखदारों ने अपने बंगले बना लिए हैं।