Bhopal. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में हैं। शिवराज ने 15 मई को सुबह 7 बजे विभिन्न विभागों समेत सभी जिला प्रशासन की अहम बैठक ली। इसमें सभी 52 जिलों के कलेक्टर, एसपी, सीएमओ, नगरीय विकास विभाग के अधिकारी, पीएचई विभाग के अधिकारी , ग्रामीण विभाग और ऊर्जा विभाग के अफसर मौजूद थे। शिवराज ने मीटिंग में कई योजनाओं और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा- गुना की घटना से मैं बहुत बेचैन हूं। जिसमें दम हो, वो फील्ड में रहे। मैं DGP को भी यही कह रहा हूं कि एक बार देख लें, चर्चा कर लें। फील्ड में जो करके दिखा सके, मुझे वैसे मुझे अफसर चाहिए...।
गुना घटना पर फिर जताई चिंता
शिवराज ने कानून व्यवस्था से चर्चा की शुरुआत। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकत है। पुलिस का काम है सभी नागरिकों के लिए शांति से जीने की व्यवस्था करे। अपराधियों को नेस्तनाबूद किया जाए। शिकार करने वालों, अवैध शराब का कारोबार करने वालों को क्रश (बिल्कुल खत्म) किया जाए। गुना की घटना से मैं बहुत बेचैन हूं। मेरा संकल्प है किसी भी अपराधी को नहीं छोड़ा जाएगा। अपराध नियंत्रण की जल्द ही दोबारा समीक्षा की जाएगी।
बैठक में इन पर चर्चा
- भोपाल से लेकर चौपाल तक पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त की जाए।
मुख्यमंत्री पहले भी कर चुके हैं सुबह मीटिंग
शिवराज सिंह चौहान ने 25 अप्रैल को सीएम हाउस में सुबह 6.30 बजे पीएचई विभाग की बैठक बुलाई थी। शिवराज 24 अप्रैल देर रात 1.30 बजे नसरुल्लागंज का दौरा कर लौटे थे। बैठक में पीएस टू सीएम मनीष रस्तोगी, पीएस पीएचई मलय श्रीवास्तव, एमडी जल निगम तेजस्वी नायक, कमिश्नर भोपाल गुलशन बामरा, सीहोर कलेक्टर समेत कई अफसर मौजूद थे। मीटिंग में शिवराज ने शिवराज ने पेयजल की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी।
शिवराज क्यों चाक-चौबंद?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक सख्त प्रशासक की छवि बनाना चाहते हैं। जानकारों का कहना है कि वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फॉलो कर रह हैं। योगी भी सुबह-सुबह अफसरों की मीटिंग करते हैं। शिवराज ने अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलाने का फॉर्मूला भी योगी से लिया है। हाल ही में मध्य प्रदेश में एक के बाद एक कई घटनाएं हुईं, जिससे लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठे। अप्रैल में खरगोन में हिंसा भड़की तो 13 मई की देर रात गुना के आरोन में शिकारियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग की, जिसमें 3 जवान शहीद हो गए। शिवराज ने घटना को लेकर 14 मई को आपात बैठक बुलाई तो 15 मई को सभी जिला प्रशासन के साथ अलसुबह मीटिंग कर ली।