Bhopal. यहां जिला कोर्ट (District Court) ने 107 करोड़ रुपए का घोटाला (Scam) करने वाले भू-माफिया रमाकांत विजयवर्गीय (60) को उम्रकैद (Life imprisonment ) की सजा सुनाई है। 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। रमाकांत पेशे से इंजीनियर है। उसने भोपाल में पंचवटी कॉलोनी बनाने का झांसा देकर 250 लोगों के साथ थोखाधड़ी (Fraud) की। सुनवाई गुरुवार यानी 2 जून को भोपाल में एडीजे धर्मेंद्र टांडा के कोर्ट में हुई। दो साल पहले क्राइम ब्रांच ने कोहेफिजा पुलिस की मदद से रमाकांत को गिरफ्तार (Arrest) किया था।
ऐसे हड़पी रकम
सरकारी वकील साबिर सिद्दीकी ने बताया कि रमाकांत ने 1976 में उज्जैन के कॉलेज से इंजीनियरिंग की। इसके बाद सरकारी विभागों में कॉन्ट्रैक्ट लेकर काम शुरू किया। 2002-03 में भोपाल में एयरपोर्ट रोड पर पंचवटी फेज-1 पर काम किया। फिर फेज-2 और फेज-3 पर प्लॉटिंग शुरू की। किसानों से एग्रीमेंट कर लोगों से पैसे ले लिए। इस बीच, किसानों से हुए मनमुटाव के चलते प्रोजेक्ट अटक गया। उसने ग्राहकों से ली गई रकम हड़प ली।
2010 में कोहेफिजा थाने में रमाकांत के खिलाफ धोखाधड़ी का पहला केस दर्ज किया गया। इसके बाद अब तक इसी थाने में उसके खिलाफ 22 केस दर्ज हो चुके हैं। भोपाल, इंदौर और ईडी में रमाकांत के खिलाफ 38 केस दर्ज हैं। इसके साथ ही 100 से अधिक आवेदकों ने कोर्ट में उसके खिलाफ केस दायर कर रखा था।
रूप बदलकर पुलिस से बचता रहा
पुलिस से बचने के लिए रमाकांत ने हुलिया बदल लिया था। भोपाल में ठगी करने के बाद वह इंदौर के विजय नगर स्थित फ्लैट में रामकुमार व्यास बनकर रह रहा था। दाढ़ी और बाल बढ़ाकर हुलिया भी बदल लिया था। दो साल पहले उसे पुलिस ने पकड़ा। वह हुलिया बदलकर इंदौर से भोपाल आ रहा था। उसने फर्जी पहचान-पत्र भी बनवा लिया था। तब उसका बेटा विदेश में था।
ठगी के बाद नमकीन का कारोबार
उज्जैन से नमकीन लाकर इंदौर में सप्लाई करने के साथ वह ट्रैवल एजेंसी भी चला रहा था। रमाकांत ने डिस्ट्रिक्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी भी खोल रखी थी। उसने ठगी के पैसों को नमकीन के कारोबार में लगा दिया था। हालांकि, पुलिस उसके पास से रकम बरामद नहीं कर सकी। ठगी के शिकार लोगों ने कई बार पुलिस अफसरों पर विजयवर्गीय से साठगांठ करने का आरोप लगाया था।