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Bhopal. मेयर (mayor) पद के उम्मीदवार तय करने में कांग्रेस, बीजेपी (Congress, BJP) से आगे निकल गई है। 16 नगर निगमों में से 9 नगर निगम (Municipal Corporation) के मेयर पद के उम्मीदवारों (Candidate) के सिंगल नाम तय कर लिए गए हैं। कांग्रेस के अंदरुनी सूत्रों की मानें तो इन नामों को प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (State President Kamal Nath) की भी हरी झंडी मिलने वाली है। 9 जून को होने वाली बैठक में इन नामों पर कमलनाथ अंतिम मुहर लगा देंगे। कुछ नाम ऐसे हैं जिनको कमलनाथ ने प्रचार करने के लिए भी कह दिया है। प्रदेश के चार महानगरों की बात करें तो भोपाल,इंदौर और जबलपुर में एक नाम तय कर लिया गया है लेकिन ग्वालियर (Gwalior) में पेंच है।
मेयर पद के ये नाम तय-
- जब​लपुर — जगत बहादुर अन्नू
उम्मीदवारों के राजनीतिक समीकरण
जबलपुर से जगत बहादुर अन्नू का नाम सांसद विवेक तन्खा के कोटे से तय किया जा रहा है। सागर से निधि जैन पूर्व विधायक सुनील जैन की पत्नी हैं। सुनील जैन वर्तमान विधायक शैलेंद्र जैन के भाई हैं और चुनाव में उनका पूरा प्रबंधन करते रहे हैं इसलिए उनकी पत्नी को कांग्रेस ने जिताऊ उम्मीदवार माना है। जातिगत समीकरणों के हिसाब से भी निधि का नाम तय किया गया है। इंदैर से विधायक संजय शुक्ला को दो साल पहले से ही हरी झंडी दे दी गई है। इंदौर में संजय शुक्ला कांग्रेस के सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। उनके सामने उम्मीदवार तय करने में बीजेपी को मुश्किल हो रही हे। उज्जैन से भी कांग्रेस ने विधायक महेश परमार पर ही दांव लगाने की तैयारी की है। मुरैना से शारदा सोलंकी, राजनीतिक परिवार से आती हैं, उनका परिवार लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ा है, शारदा के ससुर सांसद रह चुके हैं। बुरहानपुर की सीट अरुण यादव के खाते में गई है। अरुण यादव (Arun Yadav) की सहमति के बाद ही गौरी शर्मा का नाम तय किया गया है। गौरी शर्मा एक बार महापौर रह चुकी हैं। रीवा से अभय मिश्रा को उतारने का फैसला किया है। अभय मिश्रा भाजपा से पूर्व विधायक रहे हैं वहीं उनकी पत्नी भी भाजपा विधायक रह चुकी हैं। भाजपा से नाराज होकर अभय मिश्रा ने कांग्रेस का दामन थामा था। भोपाल से विभा पटेल के अलावा कांग्रेस के पास कोई मजबूत विकल्प नजर नहीं आता। विभा पटेल दिग्विजय सिंह की समर्थक हैं। वे एक बार महापौर रह चुकी हैं और एक बार विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं। वर्तमान में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं। सिंगरौली से जिला अध्यक्ष अरविंद चंदेल को भी कमलनाथ की तरफ से संकेत मिल चुके हैं।
ग्वालियर में पेंच
कांग्रेस को बड़े शहरों में ग्वालियर में पेंच है। ग्वालियर से विधायक सतीश सिकरवार अपनी पत्नी को मेयर बनाना चाहते हैं। अंदरुनी तौर पर कमलनाथ ने इसकी सहमति भी दे दी थी लेकिन उनके नाम को लेकर शहर में विरोध भी शुरु हो गया है। कार्यकर्ता दूसरी पार्टी से आए नेता की पत्नी के नाम पर सहमत नहीं हो पा रहे। वहीं शहर अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा अपनी पत्नी को उम्मीदवार बनाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। रश्मि पवार भी ग्वालियर से अपनी मजबूत दावेदारी कर रही हैं।
9 जून को कमलनाथ निवास पर बैठक
9 जून को प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने निवास पर बैठक बुलाई है। 11 जून से नामांकन शुरु हो जाएगा इसलिए 9 जून को अधिकांश महापौर उम्मीदवारों के नाम घोषित करने की तैयारी है। इस बैठक में निकाय प्रभारी, जिला अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है। प्रभारियों से महापौर का सिंगल नाम लाने को कहा गया है।