Bhopal. खरगोन दंगे पर भोपाल के शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने फिर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में एक ही वक्त दंगे कहीं साजिश तो नहीं। खरगोन में पत्थर फेंकने वाले गुनहगार हैं, उनके परिवार वाले नहीं। कहीं विशेष समुदाय को टारगेट तो नहीं किया जा रहा।
13 अप्रैल को नदवी ने DGP से मुलाकात कर उन्हें लैटर सौंपा। इसमें दंगे को लेकर सवाल भी उठाए। नदवी ने एक अखबार से इस बारे में बात की। यह पूछने पर कि आपने रामनवमीं के जुलूस के दौरान मस्जिदों में चढ़कर भगवा झंडा लगाने की बात कही है। उसका क्या आधार है? नदवी बोले- कोई ट्वीट था। इसलिए कहा था, लेकिन शायद वो गलत था।
घर तोड़ने की कार्रवाई गलत
नदवी ने ये भी कहा कि खरगोन दंगे में बेगुनाहों को सजा दी जा रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। घर तोड़ने जैसी कार्रवाई गलत है। कर्फ्यू खुलने के बाद पता लगाएंगे कि कितने बेगुनाहों पर कार्रवाई हुई? बेगुनाहों के मकान तोड़े जा रहे हैं, उनकी मदद करें। पत्थर फेंकने वाले गुनहगार हैं, उनके परिवार वाले नहीं। पहले तो यह तय हो कि पत्थर किसने फेंके। पत्थर फेंकने वाले दूसरे लोग भी हो सकते हैं। दंगे में कौन-कौन शामिल हैं, उसकी तहकीकात होना चाहिए।
शहर काजी ने सवाल उठाए कि देशभर में एक ही समय दंगे क्यों हो रहे हैं। यह प्लानिंग तो नहीं है। उन्होंने कहा कि जुलूस में चल रहे लोग ट्रॉली में भरकर पत्थर लाए थे। कोई सबूत तो नहीं है, पर मुझे पता चला। ऐसा भी हो सकता है कि जिस जुलूस पर पत्थर फेंकने का मामला सामने आया, उन्हीं लोगों ने ये साजिश की हो। अपने साथ ही पत्थर लेकर आएं हों।
अपराधी हैं तो सजा दी जाए
मुस्लिम समुदाय से की अपील पर उनका कहना था कि अब तक उन लोगों का अपराध सिद्ध नहीं हुआ, लेकिन अगर फिर भी वे अपराधी पाए जाते हैं, तो उन्हें सजा दी जाए। घर पर बुलडोजर चलाकर बेकसूर घरवालों को परेशान ना किया जाए। भोपाल पहले इस्लामिक स्टेट रहा है। तब भी दूसरे समुदाय के लोग जुलूस, रैली निकालते थे। तब तो दंगे नहीं होते थे। अब अचानक से एक समुदाय विशेष को टारगेट तो नहीं किया जा रहा।