भोपाल: कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा का बेटा 8वीं फेल नहीं पास, ऐसे फैले मैसेज

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Atul Tiwari
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भोपाल: कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा का बेटा 8वीं फेल नहीं पास, ऐसे फैले मैसेज

Sehore. यहां के पंडित प्रदीप मिश्रा का बेटा 8वीं में फेल हो गया, यह खबर सोशल मीडिया और अखबारों में वायरल हो रही है। जबकि सच इसके उलट है। एक अखबार के साथ बातचीत में पं. प्रदीप मिश्रा ने इस वायरल खबर को साजिश बताया। उन्होंने कहा कि जब सनातन धर्म के विरोधी पिता को नहीं तोड़ पाए, तो बेटे को तोड़ने में लगे हैं। मेरे बेटे का रिजल्ट मार्च में डिक्लेयर हो गया था। इस झूठी अफवाहों के कारण राघव टेंशन में है। वह डिप्रेशन में चला गया, इसलिए कुछ दिनों के लिए उसे नाना के घर भेज दिया।





यह है मामला





सोशल मीडिया और कई न्यूज प्लेटफॉर्म पर शिवपुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के बेटे के बारे में खबर चल रही है। कांग्रेस नेता और सीहोर जिला कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज शर्मा ने भी दावा किया था कि पंडित जी का बेटा 8वीं में फेल हो गया है। उन्होंने पंडित जी पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था। 





पंकज ने तंज कसते हुए कहा कि क्या पंडित जी ने बेल पत्र पर शहद अच्छे से नहीं लगवाया था या आधा अनुष्ठान किया था। लोगों ने इसका मजाक भी बनाया। कहा गया कि पंडितजी कथा में बच्चों को पास कराने का उपाय बता चुके हैं। पंडितजी खुद ही अपने बेटे को पास नहीं करा पाए।





ये मैसेज हुए वायरल





Pradeep 1





Pradeep 2





Pradeep 3





फिर सच क्या है





वायरल खबरों का सच बताती राघव की वह मार्कशीट है, जिसमें वह पास दिख रहा है।







raghav



प्रदीप शर्मा के बेटे राघव की मार्कशीट। उसे सी-1, डी और बी 2 ग्रेड मिले। टीचर ने रिमार्क में लिखा- कीप ग्रोइंग।







कथा में पंडितजी ने किया था दावा





पंडित जी ने दावा किया था कि यदि आपके बच्चे ने पढ़ाई नहीं की और पास ना होने की संभावना है तो बेलपत्र के बीच वाली पत्ती पर शहद लगा दीजिए और इस पर बच्चे का हाथ लगाकर इस पत्ती को शिवलिंग पर चिपका दीजिए। इससे चमत्कारिक नतीजे आएंगे। सालभर ना पढ़ने के बाद भी बालक जो सब्जेक्ट कुछ दिन भी पढ़ लेगा, तो उसे उस विषय में पास होने से कोई नहीं रोक सकता।





कौन हैं प्रदीप मिश्रा? 





1980 में सीहोर में पंडित मिश्रा का जन्म हुआ था। उनका दूसरा नाम रघुराम है। मिश्रा ने सीहोर से ही हाईस्कूल की पढ़ाई की है। वे ग्रेजुएट हैं। वह एक अंतरराष्ट्रीय कथाकार होने के साथ ही आस्था चैनल में भजन और आरती के प्रस्तुतकर्ता भी हैं। प्रदीप मिश्रा की यूट्यूब और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जबर्दस्त फैन फॉलोइंग है। वह पहले सीहोर में ही कथा और भजन करते थे। धीरे-धीरे उनकी ख्याति बढ़ती गई। आज वे एक अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक है। प्रदीप मिश्रा का सीहोर के प्रति गहरा लगाव है। इसलिए वह अपने नाम के पीछे सीहोरवाला लगाते हैं।   





इस वाकये से मशहूर हुए





28 फरवरी 2022 को सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव चल रहा था। 7 दिन की इस कथा में 15 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान था। 11 लाख लोगों को रुद्राक्ष बांटे जाने थे। लेकिन पहले ही दिन यहां 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच गए। इससे व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर करीब 6 घंटे तक जाम रहा। कथा सुनने आए श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। प्रशासन ने कथावाचक से बात की। जिसके बाद कथावाचक ने मंच से रोते हुए कथा स्थगित कर दी। उन्होंने भावुक होकर ऊपर से बार-बार दबाव आ रहा है, इसलिए कथा स्थगित कर रहा हूं। मुझे क्षमा करे, देश के कोने-कोन से आए श्रद्धालुओं के लिए मैं व्यवस्था नहीं कर पाया। अब कथा का आयोजन ऑनलाइन ही होगा।





प्रदीप मिश्रा की लगातार बयानबाजियां





3 मार्च- मिश्रा ने व्यासपीठ से कहा कि वो 24 घंटे बेचारे नरेंद्र मोदी जी के पीछे पड़े रहते हैं। अरे वो है तो हिंदू है और नहीं होगा तो रोओगे। भगवान राम जी से प्रार्थना करना कि ऐसा प्रधानमंत्री तुमको मिला है। उन्होंने मंच से व्यासपीठ को राजनीतिक अखाड़ा न बनाने की अपील की थी। 





5 अप्रैल- रायसेन के सोमेश्वर महादेव मंदिर में लटके ताले पर मुख्यमंत्री पर रायसेन में तंज कसा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज्य में 'शिव' कैद में है। तुम लड्डू खा रहे हो। शिव मंदिर में ताला डाला है और तुम दीवाली मना रहे हो ? अरे.. आस-पास कोई तालाब हो तो चुल्लू भर पानी भरकर ले आओ और... मैं जानता हूं मामा सनातनी हैं, गृह मंत्री सनातनी हैं, प्रधानमंत्री सनातनी हैं। मैं चाहूंगा मेरे शंकर को कैद से बाहर निकाला जाए। 





25 अप्रैल- रतलाम में प्रदीप मिश्रा ने राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़े जाने पर प्रतिक्रिया दी थी। कहा- तुम (सरकार) मंदिर तोड़ते जाओ, हम बनाते जाएंगे। जमीन के मंदिर तोड़ सकते हो, लेकिन सनातनियों के दिल में बसे मंदिर को कैसे तोड़ोगे। मंदिर तोड़ने वाले समझ लें कि हजारों लोगों के हृदय में जो शिव बैठे हैं, उनके मंदिर को कैसे तोड़ोगे।





7 मई- नर्मदापुरम में कविता गाई...सोने की चिड़िया को अब सोने का शेर बनाना है, संविधान को बदलो, हमको हिंदू राष्ट्र बनाना है।



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