भोपाल. शहर के शाहपुरा में नेत्रहीन बैंक अफसर से रेप करने वाले को कोर्ट ने 20 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 3500 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। आरोपी चोरी करने घुसा था, पर महिला के नेत्रहीन होने का पता चलते ही दुष्कर्म किया था। कोर्ट ने कहा कि नेत्रहीन महिला के साथ आरोपी ने रेप किया है, इसलिए उदारता का अपनाया जाना उचित नहीं है।
यह है पूरा मामला
भोपाल जिला अदालत के अपर सत्र न्यायाधीश यतेश सिसौदिया ने यह फैसला सुनाया। लोक अभियोजक आरके खत्री ने पुलिस की तरफ से कोर्ट में पक्ष रखा। डीएनए की जांच में आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जुटाए गए थे। अभियोजन के अनुसार कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में 17 अप्रैल 2020 को भोपाल के शाहपुरा थाना क्षेत्र में एक नेत्रहीन बैंक अधिकारी के घर में साहूलाल कौल चोरी की नीयत से घुसा था। महिला को अकेला और नेत्रहीन देखकर उसके साथ उसने धमकी देकर दुष्कर्म किया। इसके बाद वह बैंक अधिकारी का मोबाइल लेकर भाग गया। पुलिस ने जांच में मोबाइल जब्त किया और पीड़िता से उसकी आवाज की पहचान कराई।
20 साल की सजा हुई
पुलिस ने पीड़िता के चोरी हुए मोबाइल की लोकेशन के आधार पर आरोपी को पकड़ा। आरोपी साहूलाल कौल को दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया है। साहूलाल कौल ओडिशा का रहने वाला है और घटना के समय वह भोपाल के 12 नंबर बस स्टाप पर रहता था। नि:शक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम की धारा 92 ख में अदालत ने तीन साल के सश्रम कारावास और 500 रुपए का अर्थदंड किया है। अदालत ने दुष्कर्म की धारा 376 एल के तहत 20 साल के सश्रम कारावास व दो हजार रुपए का अर्थदंड तो घर में अपराध की नीयत से घुसने की धारा 450 में सात साल के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए का अर्थदंड किया है।