Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक सजायाफ्ता कर्मचारी को प्रोविजनल पेंशन दिए जाने का बड़ा फैसला दिया है। दरअसल किसी भी रिटायर्ड कर्मचारी के किसी मामले में अपराधी घोषित होने के बाद न्यायालय द्वारा उसे दंड का प्रावधान है। नियम अनुसार सजा पड़ने के साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारी की पेंशन को बंद कर दिया जाता है। लेकिन एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। जिसके चलते सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सजा मिलने पर अपील लंबित होने की स्थिति में भी प्रोविजनल पेंशन पाने का हक मिल जाएगा। अदालत ने ऐसे रिटायर्ड कर्मचारी को पेंशन पाने का हकदार माना है। जस्टिस एम एस भट्टी की एकलपीठ ने राज्य शासन और कलेक्टर होशंगाबाद को निर्देश दिए हैं कि सेवानिवृत्त पटवारी को प्रोविजनल पेंशन का भुगतान किया जाए। कोर्ट ने कहा कि एरियर्स का भुगतान भी 90 दिन के भती कर दिया जाए।
ये था मामला
इटारसी में रहने वाले सेवानिवृत्त पटवारी कन्हैयालाल दामडे की ओर से अधिवक्ता ओमशंकर पांडे व अंचन पांडे ने बताया कि सेवानिवृत्ति के कुछ दिन पूर्व लोकायुक्त ट्रेप में याचिकाकर्ता को फंसाया गया। उन्होंने दलील दी कि पेंशन रूल्स के नियम 64 में प्रोविजनल पेंशन का प्रावधान है। सेवानिवृत्ति के 6 साल बाद भी याचिकाकर्ता को इस लाभ से वंचित रखा गया है। वहीं शासन की ओर से इस पर आपत्ति जताते हुए कहा गया कि ट्रेप के बाद पूरी ट्रायल चली। होशंगाबाद ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दोषी करार देते हुए सजा भी सुनाई, ऐसे में याचिककर्ता पेंशन पाने का हकदार नहीं है।