भोपाल. सीएम शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (central minister piyush goyal) और गेहूं निर्यातकों के साथ बैठक की। बैठक में गेहूं के उपार्जन पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक के दौरान मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा दिलाया कि मध्यप्रदेश से गेहूं के एक्सपोर्ट के लिए रैक की दिक्कत नहीं आएगी। बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कई बड़े फैसले लिए। सीएम ने कहा कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के किसानों को फायदा होगा।
मध्यप्रदेश का गेहूं अब हमारी ताकत होगा। इस गेहूं को हम दुनियाभर में एक्सपोर्ट करेंगे।
नई दिल्ली में आज केंद्रीय मंत्री श्री @PiyushGoyal जी, सुश्री @SadhviNiranjan जी व निर्यातकों के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम फैसले लिए गए: CM pic.twitter.com/4BZ9igEB6I
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) March 24, 2022
एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर नहीं लगेगा मंडी टैक्स: प्रदेश में गेहूं के बम्पर उत्पादन को देखते हुए सरकार ने इसे एक्सपोर्ट करने का फैसला किया है। इसके लिए एक्सपोर्टर्स को हरसंभव सुविधा देने की कोशिश की जाएगी। सीएम शिवराज ने इसी कड़ी में एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लेने और एक्सपोर्टर्स को ग्रेडिंग और शॉर्टिंग पर होने वाले खर्च का भुगतान करने का फैसला लिया है। सीएम ने कहा कि दो सालों में राज्य सरकार ने 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है।
हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश का गेहूं पूरी दुनिया में निर्यात करेंगे। आज केन्द्रीय मंत्री श्री @PiyushGoyal जी, सुश्री @SadhviNiranjan व निर्यातकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई और निर्णय लिया गया कि बाहर के देशों में जाने वाले मध्यप्रदेश के गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा: CM pic.twitter.com/ludvF32db5
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देश में MP के गेहूं की साख: एमपी व्हीट के नाम से इसकी पूरे देश में साख है। कई कंपनियां आटा बनाकर बेचती है तो उसे भी एमपी व्हीट के नाम से बेचा जाता है। हमारे पास गेहूं के भंडार भरे पड़े हैं। अगली फसल भी जबरदस्त आ रही है। बम्पर फसल की वजह से गेहूं हमारे लिए समस्या बन जाता था। पर अब गेहूं मध्य प्रदेश की ताकत होगा। हम दुनिया भर में गेहूं को एक्सपोर्ट करेंगे।
प्रमुख मंडियों में लैब उपलब्ध कराएगी सरकार: सीएम ने कहा कि फसल के वैल्यू एडिशन और क्वालिटी सर्टिफिकेशन के लिए प्रमुख मंडियों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और लैब उपलब्ध कराई जाएगी। प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्टर को अधोसंरचना के लिए जमीन की आवश्यकता होने पर रियायती दरों पर जमीन दी जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश में किसानों से गेहूं खरीदने पर ग्रेडिंग और शॉर्टिंग करनी पड़ी तो उसके खर्च का भुगतान भी एक्सपोर्टर्स को किया जाएगा।
एक लाइसेंस पर होगी खरीदी: सीएम ने कहा कि प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। वह चाहे मंडी से खरीदे या मंडी के बाहर से। वह किसान के घर या खेत से भी खरीदारी कर सकती है। मंडी में बिकने वाले गेहूं की वैरायटी और ग्रेड का भी उल्लेख होता है। हमने तय किया है कि मंडी में नीलामी की प्रक्रिया और ऑनलाइन अनुज्ञा का लाभ एक्सपोर्टर स्वयं या अपने किसी स्थानीय व्यापारी के पंजीयन से ले सकते हैं।