कमलेश सारडा, NEEMUCH. नीमच के निकाय चुनावों (civic elections) में कांग्रेस (congress party) का ग्राफ तेजी से गिरा है। इस चुनाव में पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश स्तर पर भी पार्टी के कई बड़े नेताओं को करारी शिकस्त मिली। इन परिणामों से साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति कितनी खराब है। इसी प्रकार जावद (javad) में जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजीत कांठेड़ (congress president ajit kanthed) के वार्ड में पार्टी बुरी तरह से हार गई।
बड़े नेता पार्षदी का चुनाव हारे
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की इस हार से पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनावों (assembly elections) में कितना नुकसान झेलना पड़ सकता है, ये तो समय ही बताएगा। लेकिन नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। 40 वार्डों में से सिर्फ 14 पार्षद ही जीतकर आए हैं। कांग्रेस के कई दिग्गज जो जिले ही नहीं, बल्कि प्रदेश की राजनीति करने का दावा करते आए हैं, उनकी भी शर्मनाक हार हुई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि नेता कितने खोखले हैं, जो विधानसभा प्रत्याशी की दावेदारी करते हैं लेकिन चुनाव पार्षदी का हार जाते हैं।
एक वोट भी नहीं मिली
देवेंद्र परिहार (devendra parihar) प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष के पद पर हैं। उनकी पत्नी भारती परिहार वार्ड कमांक-33 से पार्षद का चुनाव लड़ी लेकिन एक भी वोट उन्हें नहीं मिला। प्रदेश में ऐसा कोई प्रत्याशी नहीं होगा, जिसे एक वोट भी नहीं मिला हो, लेकिन प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र परिहार ने यह रिकार्ड बनाया है। खास बात यह है कि देवेंद्र परिहार के बहनोई सीआरपीएफ से रिटायर्ड हैं, बताया जा रहा है कि तीन वोट उनके परिवार के ही थे तो सवाल उठ रहा है कि क्या रिश्तेदार के तीन वोट भी नहीं मिले।
हार ने दिखाई जमीनी हकीकत
इसी प्रकार का हाल वार्ड क्रमांक- 27 से पार्षद का चुनाव लड़ी इंदू ओम शर्मा का रहा। ओम शर्मा (Om Sharma) जिला कांग्रेस महामंत्री है और जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार ओम शर्मा की पत्नी 312 वोट से चुनाव हारीं। इसी तरह महिला कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष आशा सांभर (Asha Sambhar) वार्ड- 29 से 428 वोट से हारीं। इन बड़े नेताओं की हार ने कांग्रेस में नेताओं को जमीनी हकीकत दिखा दी हैं।