अविनाश नामदेव, Vidisha. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आजाद अध्यापक संघ ने विदिशा में प्रदर्शन किया। सांची से रैली बनाकर गणेश मंदिर में पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पूजा करने गए तो उन्हें पुलिस ने रोका। जिला के शिक्षकों ने चिलचिलाती धूप में सड़क पर बैठकर धरना दिया। प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल के नेतृत्व में भोपाल की ओर पदयात्रा शुरू की गई। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने कहा कि 5 लोगों को मंदिर में जाने की अनुमति दी थी। शिक्षकों ने बताया प्रदेश की 8 धार्मिक स्थलों पर कर चुके हैं पूजा और गुहार। पुलिस ने कहा मंदिर में निर्माण कार्य चल रहा था इसलिए सिर्फ 5 लोगों को अनुमति दी गई थी। विदिशा सांची सीमा पर 2 घंटे तक हाईप्रोफाइल ड्रामा चला।
#विदिशा में आजाद अध्यापक संघ ने किया प्रदर्शन,सांची से रैली के रूप में पहुंचे विदिशा के गणेश मंदिर,पुलिस ने अध्यपकों को मंदिर में जाने से रोका, विदिशा सांची सीमा पर 2 घंटे तक चला ड्रामा।@JansamparkMP @CMMadhyaPradesh @schooledump @BJP4India @EduMinOfIndia @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/K0GJICv9wK
— TheSootr (@TheSootr) May 1, 2022
यह है पूरा मामला
आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल और अन्य प्रदेश पदाधिकारियों के नेतृत्व में शिक्षकों द्वारा गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना कर पदयात्रा प्रारंभ करने का ऐलान किया गया था। उसके पूर्व पुलिस और प्रशासन ने विदिशा शहर में होने वाली उनकी बैठकों पर रोक लगा दी। जिसके चलते शिक्षकों ने सांची में अपनी बैठक की और वहां से एकत्रित होकर बाढ़ वाले गणेश मंदिर तक पदयात्रा कर पूजा-अर्चना करने की कोशिश की, जिस पर पुलिस और प्रशासन ने उन्हें विदिशा सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया। इसके बाद सड़क पर ही चिलचिलाती धूप इस समय चल रहे हाई डिग्री टेंपरेचर में शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया।
अनुकंपा नियुक्ति लागू करने की मांग की
पुलिस प्रशासन का कहना है कि 5 लोगों को पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी गई थी। ज्यादा लोगों को वहां निर्माण कार्य होने के कारण अनुमति नहीं दी गई है। 5 लोगों की अनुमति को अध्यापकों ने अस्वीकार कर दिया। करीब 2 घंटे तक चले हाईप्रोफाइल ड्रामा के बाद शिक्षकों ने भोपाल की ओर पदयात्रा करना प्रारंभ कर दिया। शिक्षकों की मांग है कि उनकी पदोन्नति और क्रमोन्नति का नियम लागू होने के बाद उसका पालन किया जाए। पुरानी पेंशन बहाल की जाए। अनुकंपा नियुक्ति लागू की जाए इसके अलावा कई अन्य मांगें भी शामिल हैं।