राहुल तिवारी, SHAHDOL. कोयलांचल क्षेत्र में बीजेपी का चेहरा कहलाने वाले वरिष्ठ नेता या परिजनों का पार्षद टिकट कट जाने के बाद बागी हुए नेता। इन चेहरों में बीजेपी के संस्थापक सदस्य जो 1977 से जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक के विभिन्न पदों पर रह चुके सुरेश चतुर्वेदी का नाम सबसे ऊपर है जिनकी बहु कुमुद चतुर्वेदी का टिकट काट दिया गया है। वहीं बीजेपी कोटे से बने दो पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष धनपुरी विनीता जयसवाल और हंसराज तनवर का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। लेकिन तीनों प्रत्याशियों ने अपनी निर्दलीय दावेदारी पूरे दमखम के साथ बीजेपी से बगावत करके ठोक दी है।
बीजेपी के संस्थापक सदस्य सुरेश चतुर्वेदी का नाम सबसे ऊपर
धनपुरी नगर पालिका क्षेत्र से बीजेपी के ऐसे निष्ठावान और पुराने पदाधिकारी और कार्यकर्ता बागी हुए जिनके चेहरे और नाम से कभी बीजेपी इन क्षेत्रों में पहचानी जाती थी। ऐसे कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर बीजेपी के प्रत्याशियों के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। वार्ड नंबर-9 से कुमुद चतुर्वेदी जो बीजेपी के संस्थापक सदस्य सुरेश चतुर्वेदी जो जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक के विभिन्न पदों पर रहकर बीजेपी को अपने सेवाएं देते रहे हैं। वहीं इनके पति अशोक चतुर्वेदी बीजेपी विद्यार्थी परिषद और युवा मोर्चा के महामंत्री पद पर रह चुके हैं।
निर्दलीय पार्षद का चुनाव लड़ेंगी कुमुद चतुर्वेदी
बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो कुमुद चतुर्वेदी ने पार्टी से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश की है। वहीं धनपुरी वार्ड नंबर-2 से विनीता जयसवाल जो कि बीजेपी कोटे से धनपुरी नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी है और उनके पति स्वर्गीय अशोक जयसवाल पूर्व पार्षद और बीजेपी के निष्ठावान कार्यकर्ता थे। उन्हें भी इस बार बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश करनी पड़ी है। इसी तरह वार्ड नंबर-3 से बीजेपी कोटे से नगर पालिका अध्यक्ष रहे हंसराज तनवर को टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे। वार्ड नंबर-21 से लवकुश तिवारी जो बीजेपी के कई वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं उनकी पत्नी सरोज तिवारी भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं।
बीजेपी के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं बागी
वार्ड नंबर-2 से दीपक राय बीजेपी कार्यकर्ता बीजेपी से बगावत कर अपनी दावेदारी पेश की है। धनपुरी नगर पालिका के 28 वार्ड में से कुछ वार्ड में निर्दलीय हैं जो बीजेपी के समीकरण को बिगाड़ सकते हैं क्योंकि जन चर्चाओं के अनुसार कुछ वार्डों में भीतरी बनाम बाहरी की लड़ाई है तो कहीं प्रत्याशी के घोषणा से पुराने कार्यकर्ता नाराज नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि जिन बड़े चेहरों का टिकट काटा गया है वे सभी अपने वार्ड के अलावा पूरे नगरीय क्षेत्र में एक विशेष पहचान और दबदबा रखते हैं। तो दूसरी तरफ इन चेहरे से जुड़े लोगों में इन चेहरों के साथ हुए अन्याय को लेकर सिंपैथी वोट बैंक जुड़ने की पूरी संभावनाएं दिख रही हैं। बीजेपी के बागी कहीं न कहीं बीजेपी के लिए एक बड़ा सिरदर्द साबित हो सकते हैं। बीजेपी के ऐसे बड़े चेहरों की बगावत के कारण चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा कहना मुश्किल जान पड़ता है।