संजय गुप्ता, INDORE. दो साल के कोविड काल के बाद शहर में पहली बार RSS का बड़ा पथ संचलन दशहरे पर निकाला जाएगा, इंदौर जिले के इस पथ संचलन में 400 शाखाओं के कुल 50 हजार से ज्यादा स्वयं सेवक अलग-अलग इलाकों में पथ संचलन में शामिल होंगे। विजयादशमी के पर्व पर हर साल RSS इंदौर शहर में पथ संचलन का आयोजन करता है, लेकिन दो साल के कोविड काल के दौरान इस आयोजन के स्थगित किया जा रहा था, हालात सामान्य होने के बाद इंदौर शहर में इस बार फिर से संचलन का आयोजन रखा जा रहा है, जिसमें शहर के करीब 50 हजार कार्यकर्ता शामिल होंगे, इसमें शहर की 37 शाखाओं से पथ संचलन का आयोजन किया जाएगा, जो कि शहर के सभी प्रमुख इलाकों से होकर निकलेगा।
शहर के प्रमुख इलाकों से निकलेगा पथ संचलन
संघ के इंदौर संभाग प्रवक्ता ने बताया कि इंदौर विभाग संघ के हिसाब से पांच जिलों में बंटे हैं, इसमें चार जिले द्वारका (इंदौर पश्चिमी ), बद्रीनाथ (उत्तरी इंदौर), जगन्नाथ (पूर्वी इंदौर) और रामेशवरम (दक्षिणी इंदौर) शहरी सीमा में हैं, वहीं पांचवा जिला महू में आता है, हर जिले में औसतन सात से आठ नगर है, हर नगर में एक-दो वार्ड एरिया, जनसंख्या के हिसाब से आते हैं। कुल 37 नगर है। हर नगर में अलग-अलग शाखाएं हैं, इंदौर विभाग के कुल 37 नगर में 400 शाखाएं आती है, इसमें शहर की हर गली, मोहल्ला के स्वयं सेवक अलग-अलग पथ संचलन निकलेगा।
विजयदशमी पर तीन जिलों से निकलेगा पथ संचलन
विजयदशमी के दिन द्वारका जिले को छोड़कर शहर के अन्य तीन जिलों की शाखाओं का पथ संचलन निकलेगा। द्वारका जिले का पथ संचलन नौ अक्टूबर को निकलेगा,वहीं महू ग्रामीण एरिया बढ़ा होने के चलते वहां अलग-अलग शाखाएं अपनी सुविधा के अनुसार संचलन का आयोजन करेगी।
इस तरह होता है संघ का सिस्टम
सबसे छोटे पायदान पर शाखा स्तर होता है, जो गली, मोहल्ले में होती है- फिर नगर होता है जो सामान्य तौर पर एक-दो वार्ड मिलकर बनता है- फिर जिला होता है, जिसमें सात-आठ नगर या दस-15 वार्ड आ जाते हैं, इसे एक विधानसभा की तरह भी देख सकते हैं- इसके बाद विभाग होता है जो पूरा जिला आ जाता है- इसके ऊपर प्रांत होता है जैसे मालवा प्रांत- प्रांत के ऊपर क्षेत्र आता है जैसे मप्र-छग एक क्षेत्र में आता है और इसके ऊपर राष्ट्र होता है। इसी सिस्टम में इनके पदाधिकारी भी होते हैं।