रमन अग्रवाल, SAGAR. यहां के बीना स्थित भानगढ़ में पदस्थ पटवारी विनोद अहिरवार का जनपद पंचायत सदस्य के साथ बेहद अभद्र व्यवहार सामने आया है। अहिरवार ने जनपद पंचायत सदस्य क्षमाधर कुर्मी से पैर पड़वाए। इतना नही नहीं, अहिरवार ने क्षमाधर की पीठ पर पैर भी रख दिया। मामले की फोटो वायरल हुई तो हड़कंप मच गया। 4 अक्टूबर की रात कलेक्टर ने अहिरवार को सस्पेंड कर दिया।
गांधी जयंती का कार्यक्रम था, कुर्सी को लेकर विवाद हुआ
जनपद सदस्य क्षमाधर कुर्मी ने बताया कि पटवारी अहिरवार 2 अक्टूबर को पंचायत में आयोजित ग्रामसभा में शामिल होने गए थे। उन्हें देखकर सरपंच ऊषा पटेल और सचिव खड़े हो गए। उन्होंने सरपंच और सचिव से कहा कि आप लोग बैठें, हम पटवारी जी की कुर्सी पर बैठ जाएंगे। पटवारी से कुर्सी मांगने पर वह ताव में आ गए और सीधे पुलिस थाने पहुंच गए। पटवारी ने जनपद सदस्य पर शासकीय काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया। पटवारी के आवेदन पर भानगढ़ पुलिस ने क्षमाधर के खिलाफ धारा 353 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पटवारी ने घर बुलाकर बदसलूकी की
क्षमाधर के मुताबिक, 3 अक्टूबर को पटवारी का फोन आया कि यदि तुम केस में राजीनामा करना चाहते हो तो हमारे घर आओ। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए क्षमाधर पटवारी के घर पहुंच गए। पटवारी ने कहा कि तुम हमारे पैर में गिरकर माफी मांगो तो हम केस वापस ले लेंगे। ऐसा नहीं किया तो एससी-एसटी एक्ट का मामला भी दर्ज कराएंगे। जेल जाने के डर से क्षमाधर पटवारी के पैरों में गिर गए। इस दौरान पटवारी ने अपना एक पैर जनपद सदस्य की पीठ पर रखकर फोटो खींचकर वायरल कर दिया। फोटो वायरल होने के बाद जनपद सदस्य क्षमाधर पटेल का कहना है कि समाज में हमारा मान सम्मान खत्म हो गया। यदि पटवारी पर सरकार सख्त एक्शन नहीं लेगी तो हम आत्महत्या कर लेंगे।
प्लानिंग के तहत मुझे फंसाया जा रहा है
इस मामले में पटवारी विनोद अहिरवार का कहना है कि मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत मैं 2 अक्टूबर को पंचायत में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से योजना के संबंध में बात कर रहा था। इसी दौरान जनपद सदस्य ने आकर हमारे साथ गलत व्यवहार किया और कहा कि तुम कुर्सी छोड़कर यहां से जाओ। उन्होंने शासकीय काम में बाधा पहुंचाई थी, इसलिए मैंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 3 अक्टूबर को वह गांव के अन्य लोगों के साथ हमारे घर आए थे और उन्होंने धक्का देकर जनपद सदस्यों को हमारे पैरो में गिरा दिया था। जैसे ही मैंने पैर उठाया, उसी समय उनके साथ वालों ने फोटो खींच लिया। इस तरह षड्यंत्र करके मुझे फंसाया जा रहा है। पीठ पर पैर रखकर फोटो खींचने का आरोप गलत है। वहीं इस मामले में कलेक्टर दीपक आर्य ने मामला संज्ञान में आते ही पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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