Indore. यशवंत क्लब के चुनाव चार साल बाद 19 जून को होने जा रहे हैं। क्लब के 4,500 सदस्य मतदाता है। समान्य तौर पर ढाई हजार के करीब सदस्य वोट डालते हैं। चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर होने की बात क्लब में कही जा रही है, हालत यह है कि कोई भी किसी के जीत के कयास नहीं लगा रहा है, एक बात जरूर कह रहा है कि चेयरमैन और सचिव कम से कम एक ही पैनल के होने चाहिए, क्योंकि विरोधी होने पर विवाद शुरू हो जाते हैं। पम्मी छाबड़ा की ताकत क्लब के यूथ वोटर्स है क्योंकि वह पार्टी देने और क्लब में बडे आयोजन कराने में माहिर माने जाते हैं, वहीं टोनी सचदेवा की ताकत हमेशा से क्लब के वरिष्ठ सदस्य रहे हैं। बात मतदाताओं की करें तो वरिष्ठ और यूथ दोनों का काम्बीनेशन लगभग बराबर 50-50 फीसदी है., यानि जीत तभी होगी जब एक-दूसरे के वोट में सेंध मारेंगे।
ओडीए के वोटबैंक पर नजर
क्लब में करीब 900 मतदाता डेली कॉलेज के पुराने छात्र है जिन्हें ओडीए कहा जाता है। सचदेवा ने इन वोट को एकजुट अपनी ओर करने के लिए मैनेजिंग कमेटी के चार में से तीन पदों पर ओडीए को ही खड़ा किया है। इसमें खुद वह चेयरमैन पद पर, ट्रेजरार पर आदित्य उपाध्याय और सहसचिव पर सुरभि मनोचा को उतारा है, केवल सचिव उम्मीदवार संजय गोरानी ही गैर ओडीए हैं, लेकिन इस पद पर चुनाव जीत चुके संदीप पारिख जो डीसी बोर्ड में भी है, वह इस पैनल के साथ खड़े हैं। वहीं पम्मी पैनल में टॉप 4 में कोई भी ओडीए से नहीं है। उधर पम्मी पैनल के साथ दिक्कत है कि डीसी बोर्ड मेंबर धीरज लुल्ला, महिला संबंधी चले संदेश और डीसी में चेयरमैन और प्रिंसीपल को लेकर हुई उठापटक के कारण इस बार चुनाव में खुलकर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में ओडीए को कौन उनके लिए एकजुट करेगा यह परेशानी है।
यह है चुनाव का कार्यक्रम
नामांकन एक से 7 नवंबर तक, नाम वापसी 14 नवंबर और वोटिंग व काउंटिंग 19 जून
पार्टियों का दौर शुरू
चुनाव के साथ ही क्लब में पार्टियों का दौर शुरू हो गया है। पम्मी पैनल ने चेयरमैन पद का लाभ लेते हुए क्लब का गार्डन पहले ही बुक कर लिया है, जिससे वह वहीं के वहीं सदस्यों को पार्टी दे सकें। उनकी एक पार्टी हो चुकी है, वहीं टोनी सचदेवा नक्षत्र में पार्टी दे चुके हैं और अब रविवार को उन्होंने क्लब सदस्यों को परिवार साथ ब्रेकफास्ट पर क्लब में न्यौता भेजा है। बताया जा रहा है कि बड़ी कॉकटेल पार्टी चुनाव के अंतिम सप्ताह यानि 12 से 18 जून के बीच होगी। इसमें अलग-अलग गुट जैसे ओडीए, डॉक्टर आदि को टारगेट किया जाएगा। महिला उम्मीदवार भी अलग से पार्टी देने की तैयारी कर रही है।
दोनों का हिसाब बराबर
सचदेवा की सीनियर में पकड़ है, लेकिन दो साल कोविड में क्लब के 50 से ज्यादा सदस्यों की मौत हो चुकी है जिससे मतदाता कम हो गए हैं। वहीं दो साल बाद क्लब के यूथ मतदाता पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे हैं और कई जा चुके हैं, ऐसे में यूथ मतदाता भी कुछ कम होंगे, यानि आंकड़ों में दोनों बराबर हो जाएंगे।