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योगेश राठौर, INDORE. पुलिस थाने में महिला हैड कांस्टेबल एक महिला से दो हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों थाने में ही पकड़ी गई। लेकिन ऐसा नहीं है कि सरकारी दफ्तरों में आम आदमी को ही इससे जूझना पड़ता है, लोकायुक्त के आंकड़े बताते हैं कि सरकारी दफ्तरों में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को भी काम कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। यह चौंकाने वाली बात इंदौर लोकायुक्त की कार्रवाई से सामने आई है। अभी तक लोकायुक्त ने कुल 17 सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा है। इसमें सबसे ज्यादा मामले राजस्व विभाग के हैं। कुछ मामले पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हैं।
तीन पटवारी, तीन पुलिसकर्मी शामिल
डीएसपी लोकायुक्त प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि लोकायुक्त विभाग ने साल 2022 अगस्त महीने तक 17 लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा है। इनमें तीन पुलिसकर्मी, तीन पटवारी, तीन सरकारी डॉक्टर, दो बिजली विभाग के कर्मचारी के साथ पंचायत, लोक निर्माण विभाग, कृषि विभाग, नगर निगम के अधिकारी शामिल हैं।
यहां सरकारी अधिकारी-कर्मचारी से भी मांगी गई रिश्वत
पटवारी सुबोध सुमुले ने तो सरपंच कमल चौधरी से ही नक्शा चढ़वाने के नाम पर 40 हजार मांग लिए। उन्हें लोकायुक्त में शिकायत करनी पड़ी। वहीं खंडवा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीएस चौहान ने स्टाफ नर्स के ट्रांसफर के लिए 40 हजार मांगे और साहब अपने रिटायरमेंट के दो महीने पहले ही लोकायुक्त कार्रवाई में पकड़ाए। सहायक विकास खंड कर्मचारी से उनके वेतन की एरियर की राशि जारी करने के लिए रिश्वत मांगी गई। बिना रिश्वत के काम नहीं हुआ तो उसने लोकायुक्त को शिकायत कर दी।
सतर्क भी हो रहे रिश्वतखोर
लोकायुक्त द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई के चलते सरकारी कर्मचारी अब पैसे लेने में सतर्कता बरतते हैं। एमआईजी थाने में रिश्वत की राशि हाथ में लेने के बजाए सिपाही श्याम ने अपनी बाइक के बैग में रखवाई और भाग गया। वहीं धार में कृषि उपज मंडी का सहायक उप निरीक्षक रिश्वत के पैसे लेने के पहले मंडी से ही चला गया।
चेक में भी ले रहे हैं रिश्वत
- सफाई काम में पेटिंग बिल पास करने पर आरोपी कार्यपालन यंत्री सगीर अहमद खान 50 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ाया, एक लाख का चेक भी रिश्वत में लिया।