भोपाल। प्रदेश के कॉलोनाइजर बिजली कनेक्शन के नाम पर हजारों परिवार के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। फ्लेट या मकान के पजेशन देने से पहले ही बिल्डर या कॉलोनाइजर बिजली के स्थायी कनेक्शन के नाम पर 50 से 60 हजार रुपए जमा करा लेते हैं और कनेक्शन के नाम पर घर के बाहर सब मीटर लगाकर सप्लाई दे दी जाती है। इधर रहवासियों से वास्तविक बिल से 12 गुना तक राशि वसूली जा रही है। बिल्डर और कॉलोनाइजर का डर ऐसा है कि लोग इस मामले में खुलकर सामने भी नहीं आते। उन्हें डर है कि कहीं उनकी जिंदगीभर की जमापूंजी से खरीदी संपत्ति विवादों में ना आ जाए। उन्हें डर है कि कहीं पानी और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं भी बंद ना हो जाएं। बता दें कि भोपाल में 45 से अधिक कॉलोनियों में रह रहे 2400 से ज्यादा परिवार कॉलोनाइजर्स की इस धोखाधड़ी का शिकार हैं। वहीं प्रदेश की बात करें तो ये आकंड़ा 17 हजार के पार पहुंचता है। बिल्डर द्वारा की जा रही धोखाधड़ी और लोगों की पीड़ा जानने द सूत्र की टीम राजधानी की 20 से ज्यादा कॉलोनियों में पहुंची। वहां के रहवासियों से इस धोखाधड़ी पर बात करने की कोशिश की, लेकिन बिल्डर का डर ऐसा कि कोई भी सामने आने को तैयार ही नहीं।
रेरा और बिजली कंपनी की लापरवाही, परेशान रहवासी
हजारों लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार विभागों के अधिकारी संवेदनहीन हैं। जो लापरवाहियां बरती जा रही हैं उनको लेकर दोनों विभाग एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रेरा और बिजली कंपनी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। बिजली कंपनी ने तो इसके लिए बकायादा रेरा को पत्र तक लिखा है। वहीं रेरा के अधिकारियों का कहना है कि कहीं कोई गलत हो रहा है तो बिजली कंपनी के पास अपनी विजलेंस होती है, वह खुद कार्रवाई क्यों नहीं करती!
इसलिए लटकता है स्थायी कनेक्शन का मामला
बिजली के स्थायी कनेक्शन के लिए बिल्डर या कॉलोनाइजर को साइट पर बिजली के खंबे लगाने से लेकर डीपी और ट्रांसफार्मर भी लगवाने होते हैं। इसमें लाखों रुपए का खर्चा आता है। पजेशन देने से पहले ही बिल्डर लोगों से बिजली कनेक्शन दिलाने के नाम पर मोटी रकम जमा करा लेते हैं। लेकिन वो इन पैसों का इस्तेमाल कॉलोनी के डेवलपमेंट करते हैं, ताकि उनकी प्रॉपर्टी जल्द से जल्द सेल आउट हो सके। कॉलोनी बनाने से पहले बिल्डर बिजली का जो कमर्शियल कनेक्शन लेते हैं उसी से लोगों को अस्थायी कनेक्शन के जरिए बिजली उपलब्ध कराते रहते हैं। इसके लिए वो फ्लेट और मकान में सबमीटर लगाते हैं और प्रति यूनिट पर 7 से लेकर 12 रुपए तक वसूल किए जा रहे हैं।
बिजली कंपनी को घाटा नहीं इसलिए कार्रवाई भी नहीं
स्थायी कनेक्शन ना होने से सिर्फ रहवासी ही ठगा जाता है। बिजली कंपनी को इस अव्यवस्था से कोई घाटा नहीं। बिजली की जो भी खपत होती है बिल्डर उसका कमर्शियल दर पर भुगतान करता है। देखा जाए तो इससे बिजली कंपनी को फायदा ही है, क्योंकि उन्हें घरेलू कनेक्शन पर बिजली कम दर पर देनी होती है और कमर्शियल बिजली के दाम ज्यादा होते हैं। यही कारण है कि मामला संज्ञान में आने पर भी बिजली कंपनी सिर्फ बिल्डर्स को नोटिस देकर छोड़ देती है। ऐसे कई बिल्डर्स हैं जिन पर लाखों रुपए के बिजली बिल बकाया हैं।
46 कॉलोनाइजर्स के खिलाफ रेरा से शिकायत
बिल्डरों की इस मनमानी के खिलाफ कार्रवाई के लिए बिजली कंपनी खुद भले ही कुछ न कर सकी हो, लेकिन उसने राजधानी के 46 कॉलोनाइजर के खिलाफ रेरा से शिकायत जरूर की है। इनमें अमलतास, रॉयल पिंक सिटी, राॅयल होम्स, चिनार बिल्डर्स, स्वप्निल बिल्डर्स, फोच्यून, स्वास्तिक बिल्डर्स, आईबीडी, सीआई स्टेट, यूनि होम्स, भोजपाल बिल्डर्स, आकृति ग्रीन, शीतल धाम जैसी सोसाइटी व बिल्डर्स के नाम शामिल हैं।
इस तरह हो रही ठगी
001 से 100 यूनिट बिजली पर 100 रूपए से लेकर 700 रूपए का बिल आता है। लेकिन बिल्डर 700 से 1200 रूपए तक की वसूली कर रहे हैं। इसी तरह -100 से 150 385 रुपए 1050 से 1800 रुपए तक -151 से 200 900 रुपए 1400 से 2400 रुपए तक -201 से 250 1501 रुपए 1750 से 3000 रुपए तक -251 से 300 2166 रुपए 2100 से 3600 रुपए तक -301 से 350 2875 रुपए 2450 से 4200 रुपए तक
विजिलेंस है तो कार्रवाई क्यों नहीं करते
यदि रेरा को बिजली कंपनी से पत्र लिखा गया है तो जल्द ही हमारी वेबसाइट पर उसका अपडेट मिल जाएगा। हालांकि मामला बिजली से जुड़ा है, बिजली कंपनी के पास अपना खुद का विजिलेंस है तो वह खुद क्यों नहीं कार्रवाई करती!- डीएन शुक्ला, प्रभारी सचिव रेरा।
बिल्डर जल्द स्थानीय कनेक्शन मुहैया कराए
रहवासियों को यदि दिक्कत है तो उन्हें शिकायत करनी चाहिए। यदि हम बिल्डर का बिजली कनेक्शन काट देंगे तो इससे रहवासियों को ही परेशानी होगी। हम अपनी ओर से समय पर नोटिस जारी कर कोशिश करते हैं कि बिल्डर जल्द स्थायी कनेक्शन लोगों को मुहैया कराए। यदि लोगों को लगता है कि बिल्डर उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं तो वह रेरा में शिकायत कर सकते हैं।- डीपी अहिरवार, चीफ जनरल मैनेजर, बिजली कंपनी।
यूनिहोम्स कोलार के फ्लैट की कीमत पांच लाख तक घटी
इस कॉलोनी में 1100 फ्लैट हैं जिनमें से अभी बहुत से अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। यहां करीब 300 से ज्यादा फ्लैट्स में लोग रह रहे हैं। यहां के रहवासी विनोद मिश्रा बताते हैं कि उन्होंने 2010 में यहां फ्लेट बुक किया था। उस वक्त उन्होंने 25 लाख रुपए में फ्लैट खरीदा था। 50 हजार रुपये बिजली कनेक्शन के लिए दिए थे। लेकिन कॉलोनाइजर की अव्यवस्थाओं के कारण और स्थायी बिजली कनेक्शन ना होने की वजह से उनके फ्लैट की रीसेल कीमत 18 से 20 लाख रुपये बची है। यहां 8 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। रहवासी तो समय से बिल दे देते हैं लेकिन बिल्डर जब बिल नहीं भरते तो बिजली कनेक्शन भी काट दिया जाता है। बिल्डर ने अबतक स्थायी बिजली कनेक्शन के लिए बिजली कंपनी में अप्लाई भी नहीं किया है। वहीं जब यूनि होम्स के मैनेजर अवनीष शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने जवाब देने से इंकार कर दिया। उन्होंने ये भी कह दिया कि निश्चित नहीं है कि कबतक स्थायी कनेक्शन दिए जाएंगे।
मामले कैसे-कैसे
-मामला-1: राधाकृष्ण रेसीडेंसी, 11मील-कितनों को मिला पजेशन: 50 से 60 फैमली-बिजली सप्लाई: सबमीटर की रीडिंग के आधार पर 8 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से वसूल रहे-कब से चली आ रही व्यवस्था: बीते पांच से छह साल से-बिल्डर का क्या कहना है: मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव रामेश्वर कुमार ने बताया कि पैसे जमा हो गए हैं, लाइन बिछ गई है। अगस्त से रहवासियों को बिजली कंपनी से बिल आने लगेंगे।
मामला-2: श्रीकृष्ण रेसीडेंसी, कटारा हिल्स
-कितनों को मिला पजेशन: 100 फैमली-बिजली सप्लाई: सबमीटर की रीडिंग के आधार पर 7 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से वसूल रहे-कब से चली आ रही व्यवस्था: बीते तीन से चार साल से-बिल्डर का क्या कहना है: सेल्स एग्जिक्यूटिव ने बताया कि जल्द से जल्द बिजली कंपनी के मीटर लगा दिए जाएंगे, तब तक जो सभी लोग पैसा दे रहे हैं, उतना देना होगा।
मामला-3: निकुंज हाइट्स, कटारा हिल्स
-कितनों को मिला पजेशन: 20 से 30 फैमली-बिजली सप्लाई: सबमीटर लगे है, 300 रुपए प्रति माह के हिसाब से हो रही वसूली-कब से चली आ रही व्यवस्था: बीते दो से तीन साल से-बिल्डर का क्या कहना है: सोसाइटी का गार्ड ऑफिस का पता नहीं बता पाया। पर उसने इतना जरूर कहा कि अभी यहां सबमीटर ही लगे हैं, बिजली कंपनी कब तक मीटर लगा पाएगी, इसकी उसे जानकारी नहीं है।
मामला-4 : भूमि गोल्डन हाइट्स, सलैया
-कितनो को मिला पजेशन: 5 से 10 फैमली-बिजली सप्लाई: सबमीटर लगे हैं, 7 रुपए प्रति यूनिट दर से वसूली कर रहे हैं-कब से चली आ रही व्यवस्था: बीते एक से डेढ़ साल से-बिल्डर का क्या कहना है: मार्केटिंग हेड अमित श्रीवास्तव ने कोई निश्चित डेट तो नहीं बताई, पर यह जरूर कहा कि जल्द से जल्द साइट पर बिजली कंपनी का काम शुरू हो जाएगा।
मामला-5 : आईबीडी किंग्स पार्क, मिसरोद
-कतनों को मिला पजेशन: 40 से 50 फैमली-बिजली सप्लाई: सबमीटर लगे हैं, 7 रुपए प्रति यूनिट दर से वसूली कर रहे हैं-कब से चली आ रही व्यवस्था: बीते दो से तीन साल से-बिल्डर का क्या कहना है: नीरज दीक्षित ने कहा कि कमर्शियल कनेक्शन से लोगों को सप्लाई देकर उनसे 7 रुपए यूनिट तक वसूलने में हमें ही घाटा है, हम तो बिल पूरा भर ही रहे हैं, जल्द ही स्थाई कनेक्शन लगवा दिए जाएंगे।
मामला-6 : अमूल्यम रेसीडेंसी, सूखी सेवनिया
-कितनों को मिला पजेशन: 10 फैमली-बिजली सप्लाई: सब मीटर की रीडिंग के आधार पर 9 रुपए प्रति यूनिट-कब से चली आ रही अव्यवस्था: बीते 2 साल से-बिल्डर का क्या कहना है: बिल्डर विक्रम ने बताया कि टेंपरेरी पजेशन दिया गया है। इसलिए बिजली पानी की व्यवस्था भी टेंपरेरी की गई है।
मामला-7 : सौभाग्य सिटी, सूखी सेवनिया
-कितनों को मिला पजेशन: 16 एकड़ की कॉलोनी में सिर्फ 5 परिवारों ने ही बनवाए घर-बिजली सप्लाई: टेंपरेरी मीटर से बांट दिए कनेक्शन, बिजली बिल को डिवाइड करके हो रही वसूली-कब से चली आ रही अव्यवस्था: 5 साल से-बिल्डर का कहना है: बिल्डर आरपी शर्मा और उनके बेटे विशाल शर्मा काम देखते है, फोन नहीं उठा रहे हैं।
मामला-8 : सीआई एस्टेट, कोलार
ये रियल स्टेट कंपनी कोलार की इस साइट पर प्लॉट में डील कर रही थी। लेकिन अब कंपनी डुप्लेक्स बनाकर भी बेच रही है। लेकिन यहां भी बिजली का स्थायी कनेक्शन नहीं है। बिल्डर अपने कमर्शियल कनेक्शन से वहां के रहवासियों को बिजली बेच रही है। कंपनी यहां के रहवासियों को 8 रुपए प्रति यूनिट बिजली दे रही है। इस रियल एस्टेट कंपनी ने भी अब तक बिजली के स्थायी कनेक्शन के लिए अप्लाई नहीं किया है।
मामला-9 : ईशान विस्टा, कोलार
इस कॉलोनी में भी लोगों ने प्लॉट खरीदकर मकान बनाए हैं। करीब 40 से ज्यादा मकान बनकर तैयार हो गए हैं लेकिन अब तक यहां स्थायी बिजली कनेक्शन नहीं हैं। यहां मनमाने तरीके से बिजली बिल थमाए जा रहे हैं। कॉलोनाइजर ने कमर्शियल कनेक्शन से घर.घर बिजली पहुंचाने की व्यवस्था कर रखी है। रहवासियों का आरोप है कि एक तो स्थायी कनेक्शन नहीं उतने पर कॉलोनाइजर चहेते रहवासियों की बिजली खपत का बिल भी हमसे वसूलते हैं।