उच्च शिक्षा विभाग को अवमानना नोटिस जारी कर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, निजी कॉलेजों के प्रोफेसर्स के वेतन का मामला

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
उच्च शिक्षा विभाग को अवमानना नोटिस जारी कर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, निजी कॉलेजों के प्रोफेसर्स के वेतन का मामला

Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के निजी कॉलेजों के प्राध्यापकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने संबंधी पूर्व आदेश की अवहेलना के रवैए पर नाराजगी जताई है। इसी के साथ अदालत ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा शैलेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल, आयुक्त उच्च शिक्षा दीपक सिंह को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। 



जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता मप्र अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्रिपाठी और डीएन जैन कॉलेज के सहायक प्राध्यापक शैलेश कुमार जैन की ओर से अधिवक्ता एलसी पटने और अभय पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सातवें वेतनमान को लेकर पूर्व में याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई के बाद दो फरवरी, 2022 को हाईकोर्ट ने इस निर्देश के साथ निराकरण किया था कि मप्र शासन, उच्च शिक्षा विभाग 90 दिन के भीतर सातवां वेतनमान देने के संबंध में विचार कर समुचित निर्णय ले। इसके बावजूद सातवां वेतनमान देने के सिलसिले में समय बीत जाने के बाद भी कोई विचार या निर्णय नहीं किया गया। 



2017 से लड़ रहे लड़ाई



बहस के दौरान हाईकोर्ट को अवगत कराया गया कि मप्र अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ 2017 से इस मुद्दे को लेकर संघर्ष कर रहा है। शासकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की भांति अशासकीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को भी सातवें वेतनमान का लाभ दे दिया गया लेकिन अनुदान प्राप्त अशासकीय कॉलेजों के प्राध्यापक इस लाभ से वंचित हैं। बावजूद इसके कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है। 



उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक अपील पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश के अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों को शासकीय महाविद्यालयों के समान वेतनमान का हकदार रेखांकित कर चुका है। सवाल उठता है कि जब अनुदान प्राप्त अशासकीय कॉलेजों के प्राध्यापकों को तीसरे, चौथे, पांचवे व छठे वेतनमान का लाभ पूर्व में दिया जा चुका है, तो फिर सातवें वेतनमान के लाभ से अब तक वंचित क्यों रखा गया है।


जबलपुर notice Professors Jabalpur High Court मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर न्यूज़ अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ सातवें वेतनमान का लाभ Jabalpur News HIGHER EDUCATION MINISTRY