Jabalpur. चुनाव ड्यूटी है ही ऐसी चीज कि जिससे आम कर्मचारी तो क्या बारूद के ढेर पर खड़े होकर करामात करने वाले अधिकारी भी डरते हैं। चुनाव ड्यूटी न लगाए जाने के इस आवेदन पर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण कैट ने चुनाव ड्यूटी पर रोक लगाने से दो टूक इनकार कर दिया है। कैट के न्यायिक सदस्य रमेश सिंह ठाकुर की बेंच ने रक्षा उत्पादन मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कैट का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया जारी है ऐसे में किसी भी तरह का स्टे नहीं दिया जा सकता। मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।
एसेंशियल सर्विस का दिया था हवाला
दरअसल आयुध निर्माणियों में कार्यरत कर्मचारी अधिकारियों की ओर से इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज् गजटेड ऑफीसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीबी ओझा ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण कैट को यह आवेदन दिया था कि जिसमें कहा गया था कि संविधान के प्रावधानों के तहत चुनाव ड्यूटी के लिए केवल राज्य सरकार के कर्मियों को ही तैनात किया जा सकता है। याचिकाकर्ता कर्मी डिफेंस एसेंशियल सर्विसेज एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्यरत हैं। इस एक्ट के तहत कार्यरत कर्मियों की सेवाओं का अन्यत्र उपयोग नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे रक्षा उत्पादन प्रभावित होता है।
700 कर्मियों की लगाई गई है ड्यूटी
मामले में अधिवक्ता आकाश चौधरी ने तर्क दिया कि आयुध निर्माणियों के 700 कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर भेजने का आदेश 11 जून को जारी कर दिया गया। जिस पर रोक लगाई जाए। वहीं चुनाव आयोग की ओर से इस आवेदन का विरोध किया गया। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कैट की जबलपुर बेंच ने चुनाव ड्यूटी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।