Jabalpur. साफ-सफाई के ठेके और भर्ती में घपलेबाजी की शिकायत पर सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को भी कैंट बोर्ड कार्यालय में जांच जारी रखी। इस दौरान बोर्ड द्वारा की गई दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों को जब्त करने के साथ साथ सीबीआई की टीम ने डेली बेसिस कर्मचारियों से पूछताछ भी की है।
नियुक्ति संबंधी दस्तावेज किए जब्त
जानकारी के मुताबिक सफाई ठेके समेत अन्य मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआई को मिलने के बाद एडीशनल एसपी बी बी भट्ट, एस आई दामले, अमित द्विवेदी, रणजीत टांक, यूपी सिंह, हरीश त्रिपाठी और ए पी सिंह की टीम ने कैंट बोर्ड कार्यालय में जांच पड़ताल शुरू की थी। दूसरे दिन कैंट बोर्ड के अंतर्गत संचालित स्कूल और अस्पताल में भी नियुक्त किए गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से जुड़ी फाइलों को जब्त किया गया। इस दौरान डेली बेसिस कर्मियों को मिलने वाले वेतन और पीएफ से जुड़ी जानकारी भी टीम ने एकत्र की है।
आवारा पशुओं से जुड़ी अनियमितता की भी जांच
सीबीआई की टीम को अपनी जांच में कैंट बोर्ड द्वारा आवारा पशुओं के प्रबंधन में भी बरती गई अनियमितताओं की शिकायत मिली थी। इसके तहत टीम ने मवेशियों और श्वानों को दिए गए भोजन, दवाओं और उनकी नसबंदी का भी डाटा खंगाला है। कार्यालय के कंप्यूटर और रजिस्टरों की भी टीम ने जांच पड़ताल की है।
सेनेटरी इंस्पेक्टर की नियुक्ति पर नजर
कैंट बोर्ड के सेनेटरी इंस्पेक्टर अभय सिंह परिहार की नियुक्ति में भी धांधली सामने आने की बात कही जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह पद अनुसूचित जाति के आवेदक के लिए आरक्षित था जबकि वर्तमान सेनेटरी इंस्पेक्टर सामान्य जाति से संबंधित हैं और इसे देखते हुए उनकी नियुक्ति के दस्तावेजों को भी सीबीआई की टीम ने जब्त किया है। टीम यह भी पता लगा रही है कि आखिर आरक्षित वर्ग के पद पर सामान्य श्रेणी के आवेदक की नियुक्ति आखिर कैसे कर ली गई।
पूर्व सीईओ के कार्यकाल की जुटाई गई जानकारी
सीबीआई की टीम ने पूर्व सीईओ सुब्रतो पॉल के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई योजनाओं और उनका क्रियान्वयन किस तरह और कितने व्यय से किया गया है, इस बारे में भी जानकारी जुटाते हुए कैंट बोर्ड के फ्यूल पर आवंटन संबंधी जानकारी भी जुटाई गई है। दरअसल पिछले कुछ माह से यह खर्च अत्यधिक बढ़ गया था और इसमें भी गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की जा रही थी।