REWA. रीवा जिले के सिरमौर जनपद के CEO सुरेश कुमार मिश्र (CEO SK Mishra) पर हमले की गुत्थी जितनी उलझती जा रही है, सियासत भी उतनी तेज होती जा रही है। सेमरिया थाने की पुलिस ने दावा किया है कि सीईओ सुरेश के चार हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी पूछताछ के बाद रिमांड पर भेजा गया। पुलिस ने हमलावरों में मनीष शुक्ल, सत्यभान, विनय शुक्ल और तिवारी नाम के चार युवकों को गिरफ्तार किया है। विनय शुक्ल को घटना के दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं घायल सीईओ सुरेश को इलाज के लिए डॉक्टर्स ने भोपाल रेफर कर दिया है।
वायरल ऑडियो का हमले से कुछ लेना देना नहीं..
आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने बताया कि पूर्वा गौशाला प्रबंधन की बैठक में विनय शुक्ल और सीईओ के बीच झगड़ा हुआ था। बैठक के बाद सीईओ जब सिरमौर जाने लगे तो पांच लोगों ने मिलकर उनपर हमला कर दिया। पुलिस के मुताबिक विधायक केपी त्रिपाठी और सीईओ सुरेश मिश्र के वायरल ऑडियो का इस हमले से कोई संबंध नहीं है। जबकि सीईओ ने पुलिस को दिए बयान में तीन नामजद आरोपी समेत 15 और हमलावरों की बात कही थी। सुरेश ने ये भी कहा था कि हमले के पीछे सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी का हाथ है।
विधायक केपी त्रिपाठी सामने आए..
सीईओ पर हुए हमले के बाद विधायक केपी त्रिपाठी मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने क्षेत्र की पंचायतों को लेकर सीईओ से बात की थी। सिरमौर जनपद के कार्यक्षेत्र में उनके विधानसभा की 3/4 ग्रामपंचायतें आती हैं। स्वाभाविक है कि उनसे जुड़ी समस्याओं को लेकर सीईओ से पहले बात होती रहती थी। त्रिपाठी ने कहा कि उस दिन फोनपर सीईओ की बातचीत का लहजा और तेवर बदला हुआ था।
विधायक- क्या जनप्रतिनिधि से ऐसे बात करते हैं?
विधायक त्रिपाठी ने सवाल किया कि सीईओ ने जिस तरह एक जनप्रतिनिधि से बात की क्या ये सही तरीका है। वे किसी योजना के तहत उत्तेजित कर रहे थे। जनता और पंचायतों के काम का इतना दवाब होता है कि अधिकारियों से इस अंदाज में पूछना कभी-कभी मजबूरी बन जाता है। त्रिपाठी ने कहा कि विधायक का प्रोटोकॉल प्रमुख सचिव से ऊपर का होता है। कोई सीईओ से पूछे कि क्या वे प्रमुख सचिव या कलेक्टर से इस अंदाज में बात करते हैं।
गौ अभ्यारण मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है- विधायक
विधायक त्रिपाठी ने कहा कि सीईओ पर हमले से मेरा कोई लेना-देना नहीं वे सरपंचों से भी बदतमीजी से ही पेश आते थे। ऑडियो वायरल होने के बाद मौका पाकर किसी ने खुन्नस निकल ली होगी। विधायक त्रिपाठी ने कहा कि पुर्वा का बसामन गौ अभ्यारण्य हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है। इससें सहयोग के लिए मेरा कोई दुश्मन भी आएगा तो मैं सहयोग करूंगा। सीईओ तो उस प्रोजेक्ट के मुख्य कर्ताधर्ताओं में हैं। भला मैं क्यों चाहूंगा कि बैठक से निकलते ही उनके साथ ऐसा हो। यह गहन जांच का विषय है, पुलिस को इसकी पूरी पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए।
आरोपी मनीष ने कहा-पूर्व विधायक अभय मिश्र मास्टर माइंड
जिन चार आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा पुलिस कर रही है, उनमे से दो (मनीष शुक्ल और विनय शुक्ल) ने 21 अगस्त को रीवा के विश्वविद्यालय थाने में सरेंडर किया था। आरोपी मनीष ने मीडिया से कहा कि मेरा नाम इस केस में आ रहा है, इसलिए मैंने जांच में सहयोग करने के लिए सरेंडर किया है। साथ ही मनीष ने पूरे घटनाक्रम में पूर्व विधायक अभय मिश्र को दोषी बताया है। पुलिस घटना के एक दिन पहले की सुरेश की फोन कॉल डिटेल्स निकलवा लें तो सच सामने आ जाएगा। अभय मिश्र, विधायक केपी त्रिपाठी से दुश्मनी रखते हैं। उन्हीं ने यह कुचक्र रचा है।
पूर्व विधायक पर 307 जैसे कई अपराध दर्ज
मनीष शुक्ल जो कि सेमरिया मंडल बीजेपी का महामंत्री रहा है। उसने कहा कि पुलिस को अभय मिश्र के आपराधिक इतिहास को भी खंगालना चाहिए। इसमें उन पर एक अफसर के अपहरण और मारपीट, सहित धारा 307, 353 और कई संगीन अपराध दर्ज हैं। पहले दो बार उनके खिलाफ जिला बदर की भी प्रक्रिया चल चुकी है। मनीष शुक्ल ने कहा कि घटना के समय वो वहां नहीं था। इसकी जांच की जा सकती है।
सिरमौर जनपद में 150 करोड़ का भ्रष्टाचार
इस बीच आरटीआई एक्टिविस्ट बीके माला (RTI Activist BK Mala) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ये आरोप लगाया कि सिरमौर जनपद में 150 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। निर्माण कार्य नहीं हुए लेकिन भुगतान हो गया। विधायक केपी त्रिपाठी और सीईओ सुरेश मिश्र के वायरल ऑडियो में भी यही आरोप प्रत्यारोप हैं। विधायक कह रहे हैं कि फलाना पंचायत में काम नहीं हुआ फिर भी भुगतान कैसे हो गया। सीईओ सुरेश ने जवाब में कहा कि आपके आदमी ने जब काम पूरा नहीं किया तो उसका भुगतान कैसे कर दें। विवाद इस मामले में ही बढ़ा था। बीके माला ने मांग की है कि कलेक्टर चार साल के अंदर सिरमौर जनपद के सभी निर्माण कार्यों की जांच करे। बड़ा भ्रष्टाचार उभर कर सामने आएगा।