CHHATARPUR: अवैध संबंध के शक में डॉक्टर पति को दिया जहर, फिर करंट लगाकर जान ली; प्रोफेसर पत्नी को हुई आजीवन कारावास की सजा

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
CHHATARPUR: अवैध संबंध के शक में डॉक्टर पति को दिया जहर, फिर करंट लगाकर जान ली; प्रोफेसर पत्नी को हुई आजीवन कारावास की सजा

CHHATARPUR.  जिले के चर्चित मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. नीरज पाठक हत्याकांड (Dr. Neeraj Pathak murder case) में आरोपी प्रोफेसर पत्नी ममता पाठक (Mamta Pathak) को कोर्ट ने सजा सुनाई है। न्यायाधीश राजेश कुमार देवलिया (Judge Rajesh Kumar Devalia) की कोर्ट ने आरोपी पत्नी को आजीवन कारावास (life imprisonment) की सजा दी है। ममता पाठक ने उनको बिजली का करंट लगाकर मार डाला था। अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी प्रवेश अहिरवार (Pravesh Ahirwar) ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत कोर्ट में पेश किए और कठोर सजा देने की मांग रखी। कोर्ट ने ममता पाठक को धारा 302 में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए का जुर्माना देने की सजा सुनाई।



पत्नी ने पुलिस को सुनाई थी झूठी कहानी



1 मई 2021 को ममता पाठक ने थाना सिविल लाइन में सूचना दी थी कि उनके पति डॉ नीरज पाठक दिनांक 29 अप्रैल 2021 को ऊपर वाले कमरे में लेटे थे। तभी करीब रात 9 बजे वह उनसे खाना खाने के लिए पूछने कमरे में गई तो पति पलंग पर लेटे थे और मेरी बात का जवाब नहीं दे रहे थे। जब पास जाकर देखा तो उनकी मृत्यु हो गई थी। ममता ने पुलिस को बताया कि नीरज पाठक को 7-8 दिन से बुखार आ रहा था। मुझे और मेरे बेटे को भी बुखार आ रहा था, तब मैं दिनांक 30 अप्रैल 2021 की सुबह अपने बेटे नितीश के साथ इलाज कराने झांसी चली गई थी और रात में वापस आई तो मैंने ये सब देखा। छतरपुर की सिविल लाइन पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। पोस्टमार्टम में डॉक्टर की मौत करंट लगने से होना पाया गया। पुलिस को जांच में पता चला कि ममता पाठक अपने पति को प्रताड़ित करती थी। 



ऐसे की थी हत्या



7 मई को पुलिस ने ममता पाठक को हिरासत में ले लिया था। ममता पाठक और उनके पति नीरज पाठक के बीच पिछले 11 साल से विवाद चल रहा था। वे दोनों अलग रहते थे। सितम्बर 2020 में ममता पाठक और उनका बेटा एक बार फिर डॉक्टर नीरज पाठक के साथ उनके लोकनाथपुरम स्थित निवास पर रहने लगे थे। ममता पाठक अपने पति के चरित्र पर संदेह करती थीं, इसी को लेकर पिछले11 साल में दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ तीन बार पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। नीरज पाठक की मौत के पहले ममता पाठक ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी, जिसमें डॉ नीरज पाठक पर उन्हें व उनके बेटे को जहरीला पदार्थ खिलाने का आरोप लगाया था। हत्याकांड के बाद रिश्तेदारों ने नीरज पाठक को कमरे में बंद कर प्रताड़ित करने, खाना न देने की बात पुलिस को बताई थी। 



पुलिस पूछताछ में ममता पाठक ने स्वीकार किया था कि उसने नीरज पाठक के खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया। खाना खाकर नीरज जब अपने कमरे में अचेत हो गया तो वह दो बार देखने गई कि मौत हुई की नहीं। इसके बाद नीचे से बिजली का एक्सटेंशन बोर्ड लेकर उस कमरे में पहुंची, जहां नीरज अचेत अवस्था में पड़े थे, उस बोर्ड से नीरज को करंट लगाया। नीरज की मौत होने के बाद वह अपने बेटे को लेकर झांसी गई। रास्ते में बेतवा नदी में वह एक्सटेंशन बोर्ड फेंक दिया। पुलिस ने डॉक्टर नीरज पाठक हत्याकांड में प्रोफेसर पत्नी को गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में पत्नी ने बताया था कि उसने एक वीडियो देखा था, जिसमें बताया था कि खाने में जहर देने के बाद यदि दो दिन तक शव को रखा जाए तो पोस्टमार्टम में जहर ट्रेस नहीं होता है। 

 


Madhya Pradesh मध्यप्रदेश Chhatarpur छतरपुर आजीवन कारावास Life imprisonment Dr. Neeraj Pathak murder case Mamta Pathak Judge Rajesh Kumar Devlia Pravesh Ahirwar डॉ. नीरज पाठक हत्याकांड ममता पाठक न्यायाधीश राजेश कुमार देवलिया प्रवेश अहिरवार