Rewa. नगरीय निकाय चुनावों को लेकर पूरे मध्य प्रदेश में घमासान मचा हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अपनी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान पर उतर चुके हैं। पार्षद और मेयर प्रत्याशी पद के लिए रीवा की जनता से वोट मांगने और चुनावी घोषणाओं को जनता के बीच लाने के लिए गुरुवार को प्रदेश के दो बड़े दिग्गज नेता रीवा आ रहे हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ दोपहर 12:00 बजे जनसभा को संबोधित कर प्रदेश और रीवा के विकास की पोल खोलेंगे, तो वहीं दूसरी ओर शाम 4:00 बजे सीएम शिवराज आयोजित जनसभा में कांग्रेस को चुनौती देकर रीवा की जनता से बीजेपी प्रत्याशियों को वोट देने की अपील करेंगे।
कमलनाथ खोलेंगे विकास की पोल
7 जुलाई को होने जा रही दोनों चुनावी सभाओं में जबरदस्त टक्कर देखी जा सकती है। कांग्रेस के पीसीसी चीफ और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ रीवा के चोराहटा हवाई पट्टी में उतरेंगे. जिसके बाद वह सड़क मार्ग से शहर के वृंदावन गार्डन में नागरिकों से चर्चा करेंगे। जिसके बाद वह स्थानीय पद्मधर पार्क में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करेंगे।
सीएम शिवराज भी देंगे कांग्रेस को चुनौती
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 3:30 बजे चोरहटा हवाई पट्टी पहुचेंगे। जिसके बाद व्यंकट भवन स्थित कोठी कंपाउंड में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे और जनसभा को संबोधित कर बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में जनता से वोट मांगेंगे। दोंनो ही सभाओं में बड़ी बात तो यह है की जिस सभास्थल से कमलनाथ जनता को संबोधित कर बीजेपी पर निशाना साधेंगे, उसके ठीक 200 मीटर की दूरी पर ही सीएम शिवराज भी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमलावर होंगे।
रीवा के निकाय चुनाव में कांटे की टक्कर
इस बार रीवा का नगरीय निकाय चुनाव बेहद ही दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है। दोनों ही पार्टियां अपनी साख बचाने के लिए उतर रही हैं। पिछले 20 सालों से रीवा में मेयर पद की कुर्सी में बीजेपी का कब्जा रहा है। वहीं, अगर बात की जाए पिछले विधानसभा चुनाव की तो रीवा की सभी आठों विधानसभा सीटों में बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया था। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। रीवा की संसदीय सीट से जनार्दन मिश्रा सांसद चुने गए। 2014 में हुए नगरीय निकाय चुनावों में बीजेपी का बहुमत साबित हुआ, जिसके बाद शहर से लेकर प्रदेश तक बीजेपी की सरकार बनी।
रीवा में भिड़ेंगे दो दिग्गज नेता
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपनी साख बचाने के लिए रीवा में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बेहद ही गंभीर दिखाई दे रही हैं। पिछले चुनावों में करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस अब नगरीय निकाय चुनाव में मेयर प्रत्याशी और नगर निगम के सभी 45 वॉर्डों से अपने पार्षद पद के प्रत्याशियों को चुनाव में जीत दिलाकर रीवा में अपना झंडा गाड़ना चाहती है। वहीं अगर बीजेपी की बात की जाए तो इस बार वह भी चुनाव में अपनी साख बचाने के लिए पुरजोर कोशिशों में जुटी है। क्योंकि कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर है। फिर वह चाहे रीवा की मॉडल सड़क का मुद्दा हो, सीवरेज के नाम पर बनी सड़कों को खोदने का मुद्दा हो या युवाओं को रोजगार देने का।