BHOPAL. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना विदेश दौरा रद्द कर दिया है। शिवराज 14 मई से विदेश यात्रा पर जाने वाले थे। इसका मकसद प्रदेश में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करना था। शिवराज के दौरा निरस्त करने की वजह ओबीसी आरक्षण मसला बताया जा रहा है। असल में 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के मध्य प्रदेश में दो हफ्ते में स्थानीय निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने को कहा था। शिवराज ने कहा कि सरकार फैसले का सम्मान करती है, लेकिन इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में ही रिव्यू पिटीशन लगाई जाएगी।
मेरा दिनांक 14 मई से मध्यप्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश प्रवास तय था, किंतु इस समय न्यायालय में पुनः अपना पक्ष रखना तथा पिछड़ा वर्ग के हितों का संरक्षण करना मेरी प्राथमिकता है। इसलिए मैं अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा निरस्त कर रहा हूं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 11, 2022
विदेश दौरे का ऐसा था शेड्यूल
सीएम शिवराज स्विट्जरलैंड की हसीन वादियों वाले दावोस में कारोबारियों से मुलाकात करने वाले थे। साथ ही लंदन, अमेरिका और जर्मनी की यात्रा पर भी जाने वाले थे। इस दौरान इंदौर में नवंबर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश आने का न्यौता भी सीएम शिवराज लेकर जा रहे थे। सीएम अमेरिका समेत चार देशों में करीब 10 दिन यानी 14 से 24 मई तक रहने वाले थे।
OBC आरक्षण पर क्यों फंसा पेंच
OBC आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना। अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्यप्रदेश में OBC वर्ग को चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा। इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36% आरक्षण के साथ ही होंगे। इसमें 20% STऔर 16% SC का आरक्षण रहेगा। शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव 27% OBC आरक्षण के साथ कराने की बात कही थी। इसलिए यह चुनाव अटके हुए थे।
शिवराज सरकार को झटका
राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था और मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। आयोग ने OBC को 35% आरक्षण देने की सिफारिश की थी। लेकिन, राज्य सरकार OBC आरक्षण को लेकर कोर्ट के आदेश अनुसार ट्रिपल टेस्ट नहीं करा सकी। कोर्ट ने कहा कि OBC आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता। बिना OBC आरक्षण के ही स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जाएंगे।