संजय गुप्ता, INDORE. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार (8 अक्टूबर) को प्रदेश में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में इंदौर पुलिस के एक टीआई के खिलाफ लोगों को डरा-धमकाकर वसूली करने की शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी सुधीर सक्सेना सहित सभी आईजी, एसपी और कलेक्टर को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां इसलिए नहीं बैठे हैं कि कोई टीआई लोगों को डरा-धमकाकर खुद गैरकानूनी काम करे।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का खासमखास माना जाता है आरोपी
मुख्यमंत्री की इस नाराजगी के बाद द सूत्र ने उस टीआई का नाम जानने की खोजबीन की तो चौंकाने वाला नाम सामने आया। चौंकाने वाले इसलिए क्योंकि ये प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का खासमखास माना जाता है। उनके इशारे पर ही इसे दतिया से ट्रांसफर कर इंदौर में तैनात किया गया है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर कौन है वो टीआई जो ग्वालियर-चंबल रेंज में भ्रष्टाचार और कदाचरण की गंभीर शिकायतों के कारण हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के निर्देश पर जेल भी जा चुका है।
इंदौर क्राइम ब्रांच के टीआई हैं धनेंद्र सिंह भदौरिया
मुख्यमंत्री ने इंदौर में अवैध वसूली के लिए जिस टीआई की काली करतूतों को लेकर नाराजगी जाहिर की है उसका नाम धनेंद्र सिंह भदौरिया है। ये इंदौर पुलिस की क्राइम ब्रांच के प्रभारी हैं। बताते हैं कि पुलिस में सिपाही की भर्ती से इंस्पेक्टर बने भदौरिया ज्यादातर ग्वालियर और चंबल रेंज में ही पदस्थ रहे हैं। पुलिस में रहते हुए अपने काले कारनामों के कारण ये 2015 में भिंड के एक थाने में पोस्टिंग के दौरान भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त भी किए जा चुके हैं। इनके कारनामों की फेहरिश्त जानने से पहले आपको बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा बैठक में इनके खिलाफ क्या- क्या कहा।
सुनिए.. इंदौर के किस टीआई के खिलाफ वसूली की शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए सीएम ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश।@anandpandey72 @harishdivekar1 @CMMadhyaPradesh @IndoreCollector @BJP4MP @INCMP pic.twitter.com/bixJbl10In
— TheSootr (@TheSootr) October 8, 2022
सीएम शिवराज बोले- टीआई को गदर करने की इजाजत नहीं दे सकते
सीएम ने तल्ख लहजे में कहा, सभी एसपी, आईजी, डीजीपी, कलेक्टर्स और सीएस भी यहां बैठे हैं। करप्शन के मामले में जीरो टॉलरेन्स है, अपने भी लोग छांट लें, जो गड़बड़ कर रहे हैं। कल इंदौर में मुझे एक टीआई की शिकायत मिली है। हम ये इजाजत नहीं दे सकते कि कोई टीआई गदर करे, वसूली करने का काम करे। तत्काल कार्रवाई करें। हम इसलिए नहीं बैठे कि कोई डरा-धमकाकर खुद गैरकानूनी काम करे। एडीजी इंटेलीजेंस सूची बना लें कि कौन-कौन पैसे खा रहा है। ये सूची बनना चाहिए। हमारे पास इनफॉर्मेशन आना चाहिए। जो गड़बड़ करते पाया जाएगा, उसे हम नहीं छोड़ेंगे किसी कीमत पर। जरूरत पड़ने पर EOW के छापे भी पड़ेंगे।
पुलिस कमिश्वर ने की टीआई के खिलाफ शिकायतों की पुष्टि
सैंय्या भये कोतवाल तो डर काहे का। ये कहावत पूरी तरह से क्राइम ब्रांच के टीआई धनेंद्र भदौरिया पर फिट बैठती है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के एकदम खास भदौरिया की बेलगाम कार्यशैली की शिकायत अब सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक जा पहुंची है। इस बारे में द सूत्र संवाददाता ने इंदौर के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा से आरोपी टीआई का नाम जानने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया के नाम की पुष्टि करते हुए कहा कि हां उनके खिलाफ कुछ शिकायतें हैं। इनमें कुछ मौखिक भी हैं, जिनकी हम जांच कर रहे हैं। इस सवाल पर कि क्या पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा ही सीएम को उनकी शिकायतें की गई हैं, पुलिस कमिश्नर ने कहा कि नहीं, सीएम के पास उनके अपने संपर्कों से शिकायतें पहुंचीं हैं। हमने संबंधित सभी शिकायतकर्ताओं को बुलाया है और टीआई के खिलाफ जांच की जा रही है।
एडिशनल कमिश्नर ने किया लाइन अटैच, 7 दिन बाद ही बहाल
भदौरिया की मनमानी का आलम ये है कि इंदौर में तो वे अपने किसी अधिकारी की चाहे वे आईजी हो या क्राइम ब्रांच का डीआईजी या एसपी किसी की सुनते ही नहीं है। एक जुलाई को एडिशनल कमिशनर ने की कार्रवाई, सात दिन बाद वापस आ गए। अधिकारियों की नहीं सुनने के चलते क्राइम ब्रांच एडिशनल कमिशनर राजेश हिंगणगर ने एक जुलाई को शिकायतों के बाद लाइन अटैच कर दिया था। शिकायत थी कि वह अधिकारियों के लिए आपत्तिजनक बात सार्वजनिक बोलते हैं, स्टाफ से भी खराब व्यवहार है। बात जांच की भी हुई थी कि एडिशनल एसपी गुरुप्रसाद पाराशर जांच करेंगे। लेकिन एक सप्ताह बाद भी वह वापस बहाल कर दिए गए।
गृह मंत्री के नाम पर धौंस जमाते हैं धनेंद्र
भदौरिया खुद को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का एकदम खास बताते हैं। उन्होंने एक बार तो गृह मंत्री के जन्मदिन पर वर्दी में अपनी फोटो के साथ उनके लिए बधाई संदेश वाले विज्ञापन लगवाए थे, उस समय भी सीएम के पास शिकायत पहुंची थी और लाइन अटैच हो गए थे।
जेल भी जा चुके हैं भदौरिया
भदौरिया की करतूतों की फेहरिश्त काफी लंबी है। मूल रूप से वह सिपाही से टीआई तक पहुंचे हैं। एक मामले में तो वह जेल जा चुके हैं और हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। दतिया के वकील मनोहर सिंह कौरव ने पुलिस आधिकारी और कर्मचारियों पर आरोप लगाए थे कि टीआई और आरक्षक घर पर रखे रुपए और सोने की अंगूठी ले गए, बाद में कोर्ट में परिवाद लगाया गया और केस दर्ज होने पर साल 2017 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। इसके बाद भदौरिया और दो आरक्षक कोर्ट में पेश हुए और उन्हें जेल भेज दिया गया। बाद में हाईकोर्ट से जमानत हुई। इसके बाद फिर वह टीआई बन गए। कुछ माह पहले ही वह इंदौर आए थे, यहां क्राइम ब्रांच टीआई बनाया गया।
जिस थाने में थे टीआई उसी के एक मामले में थे फरार
दतिया कोतवाली में टीआई रहते हुए कोर्ट से उनके ही थाने में उन्हें पेश होने के समन जारी हुए थे। उन पर इनामी बदमाश को शरण देने और उससे रिश्वत लेने के आरोप लग चुके हैं, रेत माफियाओं से भी वसूली के आरोप हैं।