BHOPAL. मध्य प्रदेश में हर साल की तरह इस बार भी बारिश के बाद सड़कें जगह-जगह से उखड़ गई हैं। गड्ढों और उड़ रहे धूल से गुबार से आम जनता बेहद परेशान है। कुछ ऐसा ही अनुभव प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी भोपाल में हुआ, जब वे राजधानी की कुछ सामान्य सड़कों से गुजरे।
शिवराज ने इसको लेकर 26 अक्टूबर को अफसरों की मीटिंग बुलाई। कहा- 'मैं कल अचानक भोपाल की सड़कों पर निकला। हमीदिया रोड से शाहजहानाबाद होते हुए गुजरा। मुझे कल्पना नहीं थी कि सड़कों की हालत इतनी ज्यादा खराब होगी। PWD और आप लोग यह बताएं कि सड़कों की जब राजधानी में इतनी दुर्गति है तो बाकी जगह क्या हालत होगी। अखबार गड्ढों की खबरों से भरे पड़े हैं। क्या मैं रोज गड्ढों की खबरें ही पढ़ता रहूं, ऐसा थोड़ी चलेगा। हम अकर्मण्य क्यों हैं, टाइम पर काम शुरू क्यों नहीं करते। कुछ दिक्कत है तो मुझसे कहो। यह मुझे ठीक नहीं लगा। कोई गाइडलाइन ही नहीं है। 15 दिन बाद उन्हीं सड़कों पर फिर निकलूंगा।'
नंगे पैर घूम रहे प्रदेश के ऊर्जा मंत्री
प्रदेश में इन दिनों खराब सड़कों की ही चर्चा है। शिवराज सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने तो सड़कें नहीं बन पाने से जूते-चप्पल त्याग दिए हैं। उन्होंने प्रण लिया है कि जब तक सड़क नहीं बन जाती, वे नंगे पैर ही चलेंगे। 25 अक्टूबर की रात खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान राजधानी भोपाल में सड़कों के हाल जानने निकले। भोपाल के पुराने शहर के कई इलाकों में पहुंचे, जहां सड़कों की हालत बदतर थी। सड़क में गड्ढे या गड्ढों में सड़क वाली स्थिति थी। सड़कों की हालत देखकर सीएम इतने नाराज हुए कि 26 अक्टूबर सुबह उन्होंने PWD, नगर निगम समेत जिम्मेदार विभागों के अफसरों को तलब किया और वर्चुअल बैठक कर फटकार लगाई।
ऊर्जा मंत्री ने सड़क बनने तक छोड़े जूते-चप्पल
ग्वालियर में सड़कें नहीं बनने से नाराज सिंधिया समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जूते-चप्पल पहनना छोड़ दिया है। उन्होंने सड़कें न बनवा पाने पर शहर की जनता से माफी भी मांगी है। तोमर ने कहा- जब तक लक्ष्मण तलैया, गेंडेवाली सड़क और जेएएच की रोड चलने लायक नहीं बन जाएंगी, तब तक जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे।
भोपाल में PWD की 27 सड़कें खराब
पीडब्ल्यूडी की 27 सड़कें भी छलनी हो गई हैं। इनमें से 18 सड़कों के खस्ताहाल होने के लिए पीडब्ल्यूडी ने नगर निगम को जिम्मेदार माना है। बाकायदा निगम को सुधारने के लिए लेटर भी लिखा है। निगम ने इन सड़कों को पानी और सीवेज लाइन बिछाने के लिए खोदा था। पहले से जर्जर सड़कें बारिश में गड्ढों में गायब हो गई हैं।
सड़कों की वजह से बंद हो चुका CPA
राजधानी में नगर निगम की 3879 किलोमीटर, पीडब्ल्यूडी की 531 किलोमीटर, बीडीए की 150 किलोमीटर और CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) की 132 किलोमीटर सड़कें हैं। सीपीए इसी साल 31 मार्च को बंद हो चुका है और इसकी सड़कें पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई हैं। सीपीए के बंद होने की वजह से भी सड़कें खराब हैं। पिछले साल सड़कों की स्थिति की समीक्षा करते समय CM शिवराज सिंह चौहान ने इसे बंद करने के निर्देश दे दिए थे। करीब 6 महीने की लंबी प्रोसेस के बाद सीपीए हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।
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