Jabalpur. जबलपुर में हुए आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद अब सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के संचालक डॉ अश्वनी पाठक और डॉ दुहिता पाठक की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दरअसल एसआईटी द्वारा तलब की गई जांच रिपोर्ट्स सीएमएचओ दफ्तर ने एसआईटी को सौंप दी हैं। जानकारी के मुताबिक अलग-अलग 4 जांच रिपोर्ट एसआईटी को सौंपी गई हैं। जिनमें कई खुलासे हुए हैं। इन रिपोर्ट्स के आधार पर एसआईटी ने किडनी अस्पताल और डॉ पाठक दंपती का लाइसेंस निरस्त कराने की तैयारी कर ली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एसआईटी को सीएमएचओ दफ्तर से भेजी गई जांच रिपोर्ट्स प्राप्त हो गई हैं। एसआईटी ने सभी रिपोर्ट्स की समीक्षा करना शुरू कर दिया है। दरअसल आयुष्मान योजना के स्थानीय नोडल अधिकारी डॉ धीरज दवंडे, आरएमओ डॉ पंकज ग्रोवर, नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ आदर्श विश्नोई और जिला संजोयक भुवन साहू द्वारा अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की गई है। बता दें कि इन्हीं चारों डॉक्टर ने पुलिस के साथ होटल वेगा में जांच की थी।
बता दें कि रेड के दौरान डॉ धीरज दवंडे ने होटल की तीसरी मंजिल का निरीक्षण कर वहां भर्ती मरीजों से पूछताछ की थी। डॉ ग्रोवर ने पहली और डॉ विश्नोई ने दूसरी मंजिल का निरीक्षण किया था। इन सभी ने स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट तैयार की है। इन रिपोर्ट्स को एसआईटी अपनी केस डायरी में शामिल कर केस को पुख्ता बनाएगी।
एमसीआई को भेजा जाएगा पत्र
सूत्रों की मानें तो एसआईटी ने सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल की संचालक डॉ दुहिता पाठक और उनके पति डॉ अश्वनी पाठक के फर्जीवाड़े की जानकारी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजने की तैयारी कर ली है। चिट्ठी के जरिए फर्जीवाड़े की जानकारी भेजकर दोनों के लाइसेंस निलंबित कराए जा सकते हैं।