श्याम मोहन दंडोतिया, MORENA .ग्वालियर और चम्बल अंचल के निवासी फौजी हजारों की संख्या में देश की सीमा की रक्षा के लिए तैनात है और सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राणों को देने के लिए तत्पर रहते हैं, लेकिन मुरैना में 14 अक्टूबर को एक रिटायर्ड फौजी ने अपनी जन्मभूमि पर दो युवाओं की जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनके इस काम से जहां उनके परिवार और आसपास शोक पसरा है, वहीं उनके इस कार्य की चर्चा पूरे अंचल में हो रही है। माता बसैया थाना क्षेत्र के परीक्षा गांव में कल सुबह आसन नदी पर नहाने गए गांव के दो नवयुवकों को डूबते देख अपने प्राणों की आहुति देकर रिटायर्ड सीआरपीएफ के जवान ने दो जिंदगियों को बचा लिया। हालांकि एसडीआरएफ को रिटायर्ड फौजी के शव को आसन नदी में खोजने में 5 से 6 घंटे का समय लग गया।
नहाने गए थे
परीक्षा गांव के राम नरेश तोमर पुत्र बाबू सिंह तोमर सुबह आसन नदी पर नहाने के लिए गए थे। जब वे नहाने की तैयारी कर रहे थे, तभी नदी में नहा रहे दो नवयुवक राहुल और सुनील के बचाओ बचाओ चिल्लाने की आवाज आई। आवाज सुनते ही सीआरपीएफ के रिटायर्ड जवान रामनरेश सिंह तोमर ने नदी में कूदकर दोनों नव युवकों को धक्का देकर गहरे पानी से किनारे की तरफ फेंक दिया लेकिन वह खुद गहरे पानी से बाहर नहीं निकल पाए और कुछ ही समय में डूब गए।
छह घंटे चला रेस्क्यू
मौके पर मौजूद राहुल और सुनील ने रामनरेश के डूबने की सूचना परिजन को दी तब परिजनों ने पुलिस और प्रशासन को सूचना दी। 5 से 6 घंटे की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने रेस्क्यू कर आसन नदी से रामनरेश के सबको खोज निकाला। देर शाम पुलिस ने राम नरेश का पीएम कराया। एडिशनल एसपी राय सिंह नरवरिया ने बताया कि सीआरपीएफ के इस सेवानिवृत जवान ने दो चिराग बचाने के लिए अपना प्राणोत्सर्ग कर दिया। यह एक फौजी के राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित होने की निशानी है। उनके इस बलिदान के कारण लोगों को गर्व भी है सम्मान में आंखें नम भी हैं। यही वजह है कि उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग जुटे और अपने बलिदानी साथी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।