संजय गुप्ता, INDORE. नगर निगम चुनाव में वैसे तो जोर-आजमाइश कमल के फूल और पंजे के बीच ही है लेकिन इनके बीच आम आदमी भी बड़े राजनीतिक दलों के वोटों पर झाड़ू मारने की कोशिश कर रही है। इसी बीच निर्दलीय भी मैदान संभाले हुए हैं। मजे की बात है कि अधिकांश निर्दलीयों को इस बार चुनाव चिन्ह के रूप में केक ही भाया है। जी हां, 40 वार्डों में निर्दलीय इसी चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं।
दूसरा सबसे ज्यादा चुना जाने वाला चुनाव चिन्ह तलवार और ढाल
केक के बाद दूसरा सबसे ज्यादा चुना जाने वाला स्वतंत्र चुनाव चिन्ह तलवार और ढाल है जिसे दस लोगों ने चुना है। फिर कोट और सिलाई मशीन का चिन् भी लिया गया है। वहीं कुछ प्रत्याशियों ने फ्रॉक, टेलीफोन, कैंची, डीजल पंप, अलमारी, नारियल का पेड़ जैसे चिन्ह भी चुने हैं।
निर्दलीयों के लिए चुनाव चिन्ह तय करता है चुनाव आयोग
उल्लेखनीय है कि मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों कों उनके तय चुनाव चिन्ह मिलते हैं। बाकी निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए अलग से चुनाव आयोग चिन्ह तय करता है जो निर्दलीयों को आवंटित किए जाते हैं। यदि कोई चिन्ह एक से ज्यादा निर्दलीय मांगते हैं तो फिर लॉटरी निकालकर तय किया जाता है कि किसे ये चिन्ह मिलेगा।