JABALPUR:जाति, विवाह से नहीं जन्म से होती है निर्धारित, हाईकोर्ट ने निरस्त नामांकन को किया बहाल

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Rajeev Upadhyay
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JABALPUR:जाति, विवाह से नहीं जन्म से होती है निर्धारित, हाईकोर्ट ने निरस्त नामांकन को किया बहाल

Jabalpur. हाईकोर्ट ने नाम निर्देशन पत्र निरस्त किए जाने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सरपंच पद की महिला प्रत्याशी के नामांकन को बहाल करते हुए उसे चुनाव में शामिल करने के अंतरिम निर्देश दिए हैं। हालांकि निर्वाचन को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखे जाने की शर्त भी लागू की गई है। जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की एकलपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई। याचिका पन्ना निवासी अन्नू वर्मा उर्फ अंजुम बानो की ओर से दायर की गई थी। 







ये था मामला?







याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में अधिवक्ता संजय राम ताम्रकार और घनश्याम बर्मन ने बताया कि शादी से पूर्व याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति की थी। शादी के बाद उसका नाम अंजुम बानो हो गया। इसी आधार पर उसे अनुसूचित जाति का सदस्य न मानते हुए निर्वाचन अधिकारी ने नाम निर्देशन पत्र को निरस्त कर दिया था। याचिकाकर्ता ने पन्ना जिले की जनपद पंचायत गुन्नौर अंतर्गत ग्राम पंचायत भटिया से सरपंच पद के लिए नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है। जो कि अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है। वकीलों की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ता ने अपना जाति प्रमाण पत्र भी संलग्न किया था जिसे अमान्य करार दिया गया। 



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