अविनाश तिवारी, REWA. रीवा जिले में गौशालाओं के नाम पर लंबे समय से अवैध रूप से फंड वसूलने का काम किया जा रहा था। इसका खुलासा 7 सितंबर (बुधवार) को केंद्रीय एनिमल वेल्फेयर के सदस्य राम कृष्ण रघुवंशी की जांच में हुआ है। बताया जा रहा है कि 2 दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे केंद्रीय एनिमल वेल्फेयर के सदस्य राम कृष्ण रघुवंशी ने जिले में संचालित गौशालाओं का निरीक्षण किया, तब पता चला कि यहां त्योंथर तहसील क्षेत्र की 8 गौशालाएं ऐसी हैं जहां डिस्पेंसरी के नाम पर गलत तरीके से केवल सरकारी फंड निकाला जा रहा था। इसके बाद उन्होंने तत्काल सभी 8 गौशालाओं को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। इसके अलावा सभी गौशालाओं पर रिकवरी ना होने पर एफआईआर की तैयारी भी की जाएगी।
लंबे समय से मिल रही थी फर्जी गौशालाओं की शिकायत
रीवा जिले में फर्जी तरीके से संचालित गौशालाओं की शिकायत लंबे समय से केंद्रीय एनिमल समिति को मिल रही थी, जिसकी जांच के लिए दिल्ली से केंद्रीय एनिमल वेलफेयर समिति के सदस्य रामकृष्ण रघुवंशी को रीवा भेजा गया, जहां पर उन्होंने पूरे जिले की गौशालाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान त्योंथर तहसील क्षेत्र में संचालित तकरीबन 8 गौशालाएं ब्लैक लिस्टेड कर दी गईं।
8 गौशालाओं को किया ब्लैक लिस्टेड
एनिमल वेलफेयर समिति के सदस्य रामकृष्ण रघुवंशी ने जब शिकायत के आधार पर गौशालाओं का भ्रमण किया तो देखा कि कई जगह डिस्पेंसरी के नाम पर गलत तरीके से सरकार से फंड वसूले जा रहे हैं जिसकी उन्होंने जांच की और तत्काल ऐसी गौशालाओं को चिन्हित कर उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया। इसके साथ ही गौशालाओं को चलाने वाली प्राइवेट एनजीओ कंपनी को रिकवरी का नोटिस भेज दिया। जानकारी के मुताबिक रिकवरी वापस नहीं मिलने के आधार पर उन कंपनियों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
जांच में प्रशासन ने नहीं किया सहयोग
केंद्रीय एनिमल वेलफेयर समिति के सदस्य रामकृष्ण रघुवंशी ने बताया कि जब वो जांच के लिए रीवा पहुंचे तो प्रोटोकॉल के तहत उनकी जानकारी प्रशासन को दी गई। जांच में उन्हें प्रशासनिक सहयोग नहीं मिला। प्रशासन का कोई भी अधिकारी-कर्मचारी 2 दिनों तक उनसे मिलने भी नहीं पहुंचा। रामकृष्ण रघुवंशी का मानना है कि प्रशासन को पहले ही अपनी गलती का आभास हो गया जिसकी वजह से प्रशासनिक अधिकारी जांच में मदद के लिए नहीं पहुंचे।