GWALIOR.चम्बल अंचल में बीजेपी से शुरू हुआ क्षत्रिय और ब्राह्मणों के बीच का घमासान अब सोशल मीडिया पर भी आक्रामक रूप में दिख रहा है। दोनों जातियों की प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है और यहाँ की राजनीति भी इसी के इर्द गिर्द घूमती है। दशहरा पर बीजेपी के नेता मुकेश चौधरी ने लहार में यह कहकर हवा दी कि हर वर्ष प्रयास करते हैं लेकिन रावण मर नहीं रहा। चौधरी ब्राह्मण है और लोगों ने उनके इस कथन को लहार से अपराजेय क्षत्रिय विधायक डॉ गोविन्द सिंह की लगातार जीत पर तंज के रूप में लिया तो बीजेपी के ही नेता और राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने यह खाकर मामले को हवा दे दी कि कुछ चतुर जातियों ने हमारा दुरुपयोग किया अब सतर्क रहना होगा। हालांकि इसके बाद भदौरिया ने स्पष्टीकरण भी दे दिया लेकिन अब सोशल मीडिया पर घमासान जारी है।
कौन है दोनों नेता
मुकेश चौधरी भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं और भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। उन्होंने एक बार कांग्रेस प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया को हराया और अगली बार हार गए। लेकिन ओपीएस भदौरिया ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं और जब सिंधिया ने पाला बदला तो वे भी विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में आ गए और सिंधिया ने उन्हें शिवराज सरकार में राज्यमंत्री बनवा दिया। बाद में उप चुनाव हुए तो बीजेपी ने अपने परम्परागत प्रत्याशी मुकेश चौधरी का टिकट काटकर कांग्रेस से आये
ओपीएस भदौरिया को बीजेपी का प्रत्याशी बना दिया। लेकिन चौधरी ने उन्हें जिताने में पूरी जान झोंकी और वे जीत गए। बीजेपी ने भी इसका इनाम देते हुए उन्हें पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया। अभी तक ऐसा लग रहा है कि बीजेपी 2023 के विधानसभा चुनाव में भी भदौरिया को रिपीट करेगी और मुकेश चौधरी को अब तक बीजेपी के लिए अपराजेय बनी सीट लहार शिफ्ट किया जा सकता है।
लहार से शुरू हुआ विवाद
लहार क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता और एमपी के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह बीते पैंतीस सालों से विधायक हैं। वे क्षत्रिय है।वे अपराजेय होकर बीजेपी के लिए चुनौती बने हुए है। राम नवमी से पहले मुकेश चौधरी वहां आयोजित एक रामलीला कार्यक्रम में शिरकत करने गए थे। रामलीला में आरती के बाद उन्होंने संक्षिप्त भाषण भी दिया। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद जन समूह से मुस्कराते हुए सवाल पूछा - हर वर्ष रामलीला का मंचन होता है। दशहरा पर रावण भी मारते हैं। उसका दहन करते हैं लेकिन रावण मर नहीं रहा ? इस पर विचार करो ? क्या राम का वाण नहीं मिल रहा ?या रावण की नाभि नहीं ढूंढ पा रहे ? अथवा हमें विभीषण नहीं मिल रहा ? इसके बाद वहां मौजूद अपार जनसमूह ने जमकर तालियां बजाईं थी।
शिवराज के मंत्री ने दिया तल्ख़ समाज
इसके बाद यह भाषण रामकथा से निकलकर राजनीति में सराबोर होने लगा। इसे इस तरह प्रचारित किया कि रावण के बहाने क्षत्रियों पर निशाना साधा गया और मामला तब और भी गंभीर हो गया जब सिंधिया समर्थक बीजेपी नेता और राज्य शासन में नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने दशहरा मिलान समारोह में तल्ख़ टिप्पणी कर दी। उन्होंने पूरी धरती के क्षत्रियों को एक साथ आने की बात कहने के साथ क्षेत्रीय राज लाने की बात भी कही।
ग्वालियर में दिया भाषण
ग्वालियर में क्षत्रिय समाज के द्वारा दशहरा मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में मध्य प्रदेश सरकार में नगरीय निकाय राज्य मंत्री ओ पी एस भदौरिया भी शामिल हुए।इसके साथ छतरी समाज के कई बड़े नेता भी इस आयोजन में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। इसमें उन्होंने सभी से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि आगे चलकर क्षत्रियों का राज लाना है क्योंकि कुछ चतुर जातियों ने क्षत्रिय समाज का दुरुपयोग किया है।अब इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। भदौरिया के भाषण का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वे यहाँ तक कह रहे हैं कि चाहे किसी दल का नेता हो क्षत्रिय होगा तो समर्थन करेंगे।हमारे समाज का नेता कैसा भी हो उस पर किसी तरह की टिप्पणी या कार्यवाही बर्दाश्त नहीं। भदौरिया के इस भाषण को चौधरी द्वारा लहार में वहां के क्षत्रिय विधायक को कथित तौर पर रावण बताने के जवाब के रूप में माना गया।
बाद में भदौरिया ने दी सफाई
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर जमकर विवाद होने लगी। इसके बाद भदौरिया ने ग्वालियर आकर मीडिया के सामने सफाई दी। उन्होंने कहा कि मेरे ब्यान को गलत तरीके से तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। मेरा आशय अंग्रेज और मुगलों से था। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज ज्ञानी ,विद्वान् और मर्मज्ञ है और समाज का मार्गदर्शन करता है। मैं सदैव ब्राह्मणों का सम्मान करता हूँ और करता रहूँगा। कुछ राजनीतिक विरोधियों ने इसको इस तरह पेश कर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की है। लेकिन मुकेश चौधरी की अभी इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। वे मांडू में पार्टी की बैठक में हैं और उनका फोन बंद आ रहा है।
सोशल मीडिया पर बहस से बीजेपी चिंतित
भदौरिया की सफाई के बावजूद सोशल मीडिया पर ब्राह्मण और क्षत्रीय क्षत्रिय के बीच पोस्ट वॉर जारी है और इसके जारी रहने से बीजेपी में चिंता बढ़ रही है क्योंकि अंचल में पिछड़े और दलितों की नाराजी पहले से ही परेशानी पैदा कर रही है ऐसे में सवर्णो के बीच खाई ने उनकी चिंता और बढ़ा दी हैं।