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राकेश मिश्रा, Rewa. रीवा के मनगवां तहसील में नौकरी के नाम पर 50 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित दलित दिव्यांग ने मनगवां प्रभारी तहसीलदार और पटवारी कमलेश पांडेय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दिव्यांग का कहना है कि उसे चौकीदार की नौकरी देने का लालच देकर प्रभारी तहसीलदार और पटवारी ने 50 हजार रुपए लिए और फिर नौकरी नहीं दी। दिव्यांग युवक ने मनगवां थाने में शिकायत की है।
पहले 30 हजार फिर 20 हजार मांगे
मनगवां के दिव्यांग राहुल वर्मा ने बताया कि उसका एक हाथ नहीं है और घर में अकेला रहता है। घर की छत खराब होने पर पिता ने SDM कार्यालय में छत बनाने के लिए आवेदन दिया था। हल्का मनगवां पटवारी कमलेश पांडेय 3 अप्रैल को घर पहुंचे और जांच की। मुलाकात के दौरान पीड़ित से पटवारी ने प्रभारी तहसीलदार के जरिए चौकीदार की नौकरी लगवाने के लिए 30 हजार की मांग की। इसके बाद 5 अप्रैल को तहसीलदार के निवास पर 30 हजार रुपए लिए और कई कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए। एक हफ्ते बाद ज्वॉइनिंग लेटर देने की बात कही गई। इसके बाद जब लेटर नहीं मिला तो पीड़ित प्रभारी तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी के पास पहुंचा। वहां प्रभारी तहसीलदार ने 20 हजार रुपए की मांग की जिसके बाद 19 अप्रैल को दिव्यांग ने 20 हजार रुपए दे दिए लेकिन कोई नौकरी नहीं मिली।
दिव्यांग ने थाने में की शिकायत
दिव्यांग राहुल वर्मा का आरोप है कि उसके साथ प्रभारी तहसीलदार अनुराग त्रिपाठी और हल्का पटवारी कमलेश पाण्डेय ने ठगी की है। पीड़ित ने प्रभारी तहसीलदार पर धमकी देने और अपमानित करने का भी आरोप लगाया है। फिलहाल पूरे मामले की शिकायत पीड़ित युवक ने थाने में की है और प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।