MP: 15 अगस्त को अफ्रीका से भारत नहीं आएंगे चीते, तेंदुओं के कारण टली चीतों की इंडिया आने की तारीख

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Sunil Shukla
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MP: 15 अगस्त को अफ्रीका से भारत नहीं आएंगे चीते, तेंदुओं के कारण टली चीतों की इंडिया आने की तारीख

BHOPAL. मध्यप्रदेश (MP) में श्योपुर (Sheopur) के पालपुर-कूनो नेशनल पार्क (Palpur-Kuno National Park) में अफ्रीकी चीतों ( African Cheetah)  का दीदार 15 अगस्त होने की संभावना खत्म हो गई है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार,  चीतों का दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से अंतरमहाद्वीपीय पुनरस्थापन (Inter Continental Relocation) कर उन्हें श्योपुर में बसाने के प्रयोग के लिए तैयार किए गए नेशनल पार्क में जरूरी व्यवस्थाओं में कमियों के चलते यहां चीते लाए जाने की तारीख आगे बढ़ गई है। इसमें यहां चीतों के लिए खासतौर पर बनाए गए बाड़े (एन्क्लोजर) में कुछ तेंदुओं (Leopard) और जंगली कुत्तों की मौजूदगी होना और हेलीपैड तैयार होने में देरी प्रमुख वजह बताई जा रही है।



अंतिम चरण में सामने आईं कमियां

 

चीता प्रोजेक्ट से जुड़े वन विभाग के अधिकारियों ने साउथ अफ्रीका और नामीबिया से लाए जा रहे चीते कूनो-पालपुर में 13 अगस्त तक पहुंचने का संकेत दिए थे। इसके बाद यहां 15 अगस्त को वीडियो के जरिए देशभर के लोगों को मध्य प्रदेश की धरती पर चीतों की मौजूदगी के दीदार कराए जाने की तैयारी थी, लेकिन अंतिम समय में व्यवस्थाओं की कमियां सामने आने के चलते पूर्वनिर्धारित योजना और उस पर अमल में व्यवधान आ गया है। इसकी चलते अब चीतों को भारत लाने की तारीख करीब दो हफ्ते आगे खिसकने के संकेत दिए जा रहे हैं। हालांकि, इस बारे में अब वन विभाग के नीचे से ऊपर तक के सभी जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। चीतों के बारे में अब कोई भी कुछ बोलने को राजी नहीं हैं। 



चीतों के बाड़े में घुसे तेंदुए और जंगली कुत्ते



श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यहां चीतों के आने की तारीख आगे बढ़ने की बड़ी वजह इनके लिए पार्क में बनाए गए खास बाड़ों में कुछ तेंदुओं और जंगली कुत्तों की मौजूदगी सामने आना है। जब तक इन्हें बाड़े से बाहर नहीं निकाला जाता, तब तक इनमें चीतों को छोड़ना खतरे से खाली नहीं हैं। 



वैसे भी कूनो-पालपुर के जंगल में तेंदुए अच्छी खासी संख्या में हैं। इन्हें अफ्रीका से लाए जाने वाले चीतों से दूर रखने के लिए ही नेशनल पार्क में 12 वर्ग किलोमीटर के इलाके में 9 फीट ऊंची लोहे की फेंसिंग कर विशेष बाड़े बनाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के प्रधान मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक (Principal Chief Warden Wild Life MP) जेएस राजपूत ने दो दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क का दौरा कर पार्क प्रबंधन को व्यवस्थाओं में अपेक्षित सुधार करने के निर्देश दिए हैं।   



तेंदुए पकड़ने के लिए पिंजरों में बांधे बकरे



चीतों के लिए बनाए गए बाड़ों से तेंदुओं को बाहर निकालने के लिए नेशनल पार्क प्रबंधन का मैदानी अमला दिन-रात एक किए हुए है। बाड़े में मौजूद तेंदुओं को पकड़ने के लिए बकरे बांधकर अलग-अलग जगह पिंजरे लगाए गए हैं। इस बारे में कूनों के वन मंडल अधिकारी पीके वर्मा ने मीडिया को बताया कि हमारी टीमें बाड़ों में मौजूद तेंदुओं की तलाश में पूरी तत्परता से जुटी हैं। इन्हें जल्द ही पकड़कर बाड़ों से बाहर निकाल दिया जाएगा। यहां चीते 15 अगस्त को लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी तक कोई तारीख निर्धारित नहीं हैं। विदेश से चीते लाए जाने की प्रक्रिया का कोऑर्डिनेशन एवं निगरानी की प्रक्रिया नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के स्तर पर ही जा रही है।

 


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