छतरपुर. पुलिस ने 13 साल पहले गुम हुए किशोर को तलाश लिया है। हालांकि जब वह गुम हुआ था तब उसकी उम्र 16 साल थी, और जब पुलिस वापस लेकर आई तब वह 29 साल का हो चुका था। अब अपने खोये बच्चे को पाकर माता-पिता और परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। हालांकि उन्हें बेटे के साथ बहू और बच्चे भी मिल गए हैं।
2009 का है मामला: जानकारी के अनुसार 1 अक्टूबर 2009 को छतरपुर शहर के रानी तलैया, माश्तानशा कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय जावेद उर्फ पप्पू पिता अख्तर खां ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि उनका 16 साल का लड़का जावेद 23 सितंबर 2009 की सुबह 10.30 बजे घर से बाहर जाने की कहकर गया था जो फिर लौटकर नहीं आया। परिजनों की रिपोर्ट पर कायमी की गई थी।
ऑपरेशन मुस्कान: वर्तमान में पुलिस मुख्यालय द्वारा गुमशुदा नाबालिग बालक/बालिकाओं की दस्तयाबी के लिए ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है। जिस पर कोतवाली टीआई अनूप कुमार यादव द्वारा गठित पुलिस टीम ने गुमशुदा के संबंध में संभावित मोबाइल नंबर हाथ लगा। साइबर सेल छतरपुर से प्राप्त लोकेशन के आधार पर 22 मार्च 2022 को मुंबई से गुमशुदा बालक को दस्तयाब कर उसके माता-पिता के सुपुर्द किया गया।
खुशी दोगुनी हुई: जावेद का कहना है कि वह लॉकडाउन के समय छतरपुर पहुंचा था, पर उस समय कोरोना के चलते उसके परिजनों को तलाश नहीं कर पाया। पुलिस को अपने विषय में जानकारी और मोबाइल नंबर देकर वह लौट गया था। अब पुलिस ने उसी मोबाइल नंबर के आधार पर 22 मार्च को उसे मुंबई से छतरपुर लाकर परिवार से मिलाया है। जावेद ने बताया कि 6 साल पहले जब वह मुंबई स्टेशन पर पार्सल बॉय का काम करता था तो उसकी मुलाकात मॉल में काम करने वाली आशमा से हुई और दोनों में प्यार हो गया और कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली। अब उनकी 2 बेटियां 5 साल की इलमा और 3 साल की हिना हैं। 13 वर्ष पहले गुम बेटे को सामने देख मां खुशियों से फूली नहीं समा रही। बेटे के साथ बहू-बच्चे पाकर खुशी दोगुनी हो गई। वे पुलिस को धन्यवाद दे रही हैं।