खंडवा में जान जोखिम में डालकर बैलगाड़ी से स्कूल पहुंचते हैं बच्चे, बारिश में नर्मदा के बैक वॉटर की वजह से डूबी पुलिया

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Rehan Shekh
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खंडवा में जान जोखिम में डालकर बैलगाड़ी से स्कूल पहुंचते हैं बच्चे, बारिश में नर्मदा के बैक वॉटर की वजह से डूबी पुलिया

KHANDWA. खंडवा के बांगरदा में नर्मदा के बैक वॉटर से पुलिया डूब गई है। बच्चे जान जोखिम में डालकर बैलगाड़ी से पुलिया पार करने को मजबूर हैं। इंदिरा सागर बांध बनाने वाली कम्पनी NHDC बजट का अभाव बताकर नाव चलाने से इनकार कर रही है। कलेक्टर सर्वे की बात कर रहे हैं।





बारिश में पानी से घिर जाता है गांव





खंडवा में इंदिरा सागर बांध में अपनी जमीनों का बलिदान देने वाले ही अब उसकी पीड़ा भोग रहे हैं। जो गांव डूब में शामिल नहीं किए गए उन लोगों की पीड़ा कम नहीं हो रही है। शासन-प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी अनदेखी कर रहा है। बारिश में उनका गांव पानी से घिर जाता है। बाहर निकलने का रास्ता ही नहीं बचता। ऐसा ही एक गांव बांगरदा पंचायत का अमोदा है। गांव के एकमात्र रास्ते की पुलिया बैक वॉटर में डूब चुकी है। स्कूली बच्चों को बैलगाड़ी के सहारे निकालना पड़ रहा है। गहरे पानी के बीच बच्चों को डर बना रहता है कि कहीं कोई हादसा ना हो जाए।





पुलिया पर 4 फीट तक पानी





बारिश का मौसम है और इस सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने से बांध लगभग पूर्ण क्षमता से भरा है। बांध से लगे गांव जलमग्न हो चुके हैं तो कुछ टापू बन गए हैं। पुनासा जनपद की ग्राम पंचायत बांगरदा के ग्राम अमोदा की भी यही हाल है। गांव टापू में तब्दील हो गया है। गांव से निकलने के एकमात्र रास्ते की पुलिया पर 4 फीट से अधिक पानी है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है। उन्हें बांगरदा स्कूल जाने के लिए बैलगाड़ी पर बैठकर पुलिया पार कराना पड़ रहा है। खेती बाड़ी होने से गांव भी नहीं छोड़ सकते। वैसे डूब प्रभावित गांवों में नाव संचालन का नियम है लेकिन एनएचडीसी बजट का अभाव बताकर पल्ला झाड़ रही है। अधिकारी मीडिया से कुछ भी बोलने से कन्नी काट रहे हैं।





विभाग के बहाने, नाव के लिए बजट नहीं





बांगरदा पंचायत सरपंच प्रतिनिधि राजू पटेल ने बताया हम प्रभावितों के साथ एनएचडीसी कार्यालय खंडवा गए थे लेकिन अधिकारी मौजूद नहीं थे। जो अधिकारी मिले वह उनका कहना है कि विभाग के पास बजट नहीं है। इस वजह से नाव की व्यवस्था नहीं कर सकते। अब ग्रामीण की समस्या को लेकर जल्द ही कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने वाले हैं।





नर्मदा के बैक वॉटर में डूब गए थे कई गांव





इंदिरा सागर बांध बनने के दौरान जिले के कई गांव नर्मदा के बैक वॉटर में समाहित हो गए थे उस समय किए गए सर्वे का खामियाजा आज भी कई गांव के लोग भुगत रहे हैं। जिम्मेदार तो सर्वे कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं, खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह का कहना है कि हमने वीडियो मिलने के बाद अपनी टीम को अमोदा गांव भेजा है जहां पर हमारी टीम सर्वे रिपोर्ट सौंपेगी तब तक के लिए हमने वहां लगने वाली आंगनवाड़ी और स्कूल भवन को अस्थाई तौर पर ऐसी जगह लगाने के निर्देश दिए हैं। जहां पर पानी की समस्या ना हो और यदि वहां पर इस प्रकार का कोई भवन नहीं है तो तब तक के लिए बच्चों का अवकाश घोषित करके आंगनवाड़ी और स्कूल बंद कर दिए जाएं।



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