पन्ना में मजरा मंझपुरवा के बच्चों के सिर पर बस्ता और हाथ में जूते, कई किलोमीटर का दलदल पार करके जाते हैं स्कूल

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Arun Singh
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पन्ना में मजरा मंझपुरवा के बच्चों के सिर पर बस्ता और हाथ में जूते, कई किलोमीटर का दलदल पार करके जाते हैं स्कूल

PANNA. पन्ना की धरती में बेशकीमती हीरे निकलते हैं लेकिन इस जिले का एक गांव ऐसा भी है जहां मूलभूत सुविधाएं ही नहीं हैं। बरियारपुर के मजरा मंझपुरवा गांव में पक्की सड़क ही नहीं है। बच्चे सिर पर बस्ता और हाथ में जूते लेकर दलदल पार करके स्कूल जाने को मजबूर हैं। बारिश के दिनों में कच्चे रास्ते पर कीचड़ हो जाता है। ग्रामीणों का आवागमन दूभर हो जाता है।



2 साल पहले कीचड़ भरे रास्ते में गिरकर हुई थी एक बच्ची की मौत



मजरा मंझपुरवा गांव में लगभग 400 लोग रहते हैं। 100 घरों वाले इस गांव के बच्चे बारिश के 4 महीने 2 किलोमीटर का दलदल पार करके स्कूल जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 2 साल पहले एक बच्ची की इसी रास्ते पर फिसलकर गिरने से नाक और मुंह में कीचड़ जाने से मौत हो गई थी। कुछ दिनों तक मामला सुर्खियों में रहा था लेकिन फिर ठंडा पड़ गया।



पन्ना में कई गावों में मूलभूत सुविधाएं नहीं



मजरा मंझपुरवा गांव को प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधि भूल गए हैं। गांव की हालत जस की तस है। पन्ना का ये अकेला गांव ऐसा नहीं है, ऐसे कई गांव हैं जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। किसी को गांव की सुध लेने की फुर्सत नहीं है। वार्ड नंबर-2 की जिला पंचायत सदस्य रचना पटेल का कहना है कि छोटे-छोटे बच्चों को कीचड़ में चलकर स्कूल जाना पड़ता है। वे प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराकर जल्द ही रोड बनाने की मांग करेंगीं।


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