SATNA. जिला चिकित्सालय में एक-एक कर आधा दर्जन बच्चों को इंजेक्शन लगने के बाद कंपकंपी छूटने लगी। बच्चों की लगातार हालत बिगड़ती देख उनके परिजन परेशान हो गए। इससे पहले डॉक्टर कुछ समझ पाते, पूरे अस्पताल में हाय तौबा मच गई और परिजन हंगामा करने लगे।
मामला सतना जिले के सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला अस्पताल का है। यहां के वार्ड क्रमांक आठ में भर्ती बच्चों को एक इंजेक्शन दिया गया। इस इंजेक्शन के लगने के कुछ देर बाद बच्चे ठंड लगने की शिकायत करने लगे। बच्चों को जमकर कंपकंपी छूटने लगी। एक-एक कर वार्ड में भर्ती आधा दर्जन बच्चों को ऐसी ही परेशानी हो रही थी। इससे पहले डॉक्टर कुछ समझ पाते वार्ड में मौजूद परिजनों ने हंगामा कर दिया। ये इंजेक्शन डॉ. संजय द्वारा लगाए गए थेे। हंगामे की सूचना के बाद जिले के प्रशासनिक अधिकारी भी अस्पताल पहुंच गए। अधिकारियों को डॉक्टर्स ने बताया कि बच्चों को एंटी बॉयोटिक का इंजेक्शन दिया गया था। इसके बाद उन्हें कंपकंपी छूटी थी। जानकार मानते हैं कई एंटी बायोटिक बॉडी के हिसाब से व्यवहार नहीं कर पाते जिस कारण ऐसा होता है।
20 की क्षमता का वार्ड, भर्ती थे 44
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का वार्ड क्रमांक- 8 खचाखच भरा हुआ था। इस वार्ड में जिन बच्चों को एंटी बॉयोटिक दिया गया उनमें दो 14 साल, एक 15 साल, एक 18 माह और एक 11 माह का बताया गया है। इसमें दो अन्य भी थे जिसमें से अरविंद मवासी 14 वर्ष निवासी पटना मझगवां, श्रेया वर्मा 18 माह मझगवां, अविनाश कुशवाहा 11 माह, नेमुआ और पवनी पाल के नाम सामने आए हैं। बताया गया है कि वार्ड की क्षमता 20 की है, लेकिन 44 भर्ती थे।
अस्पताल ने ये दी सफाई
परिजनों का हंगामा शांत होने के बाद जिला अस्पताल ने एक प्रेस नोट जारी किया है जिसमें बताया गया है कि एंटीबायोटिक के डोज के डायलूशन तक के समय में 8 से 10 बच्चों को ठंड लगने और कंपकंपी आने की दिक्कत हुई थी। इसमें करीब 20 से 25 मिनट का समय लगा। शिशु रोग विभाग के एचओडी डॉ सुनील कारखुर के हवाले से कहा गया है कि अब सभी बच्चे सामान्य हैं।