SEHORE. गणेश चतुर्थी आते ही देशभर में धूम मच जाती है। 11 दिन का ये त्योहार हरितालिका तीज से शुरू होता है और गणपति विसर्जन तक चलता है। हरितालिका तीज के अगले दिन ही भगवान गणेश घरों में आते हैं। इन दिनों चारों ओर भजन कीर्तन की गूंज रहती है। मध्यप्रदेश में भी गणेश चतुर्थी बड़ी तैयारियों के साथ मनाई जाती है। सीहोर के चिंतामन गणेश मंदिर में इन दिनों मेला लगता है। इस मंदिर की बहुत मान्यताएं हैं।
चार स्वयंभू प्रतिमाओं में से एक चिंतामन गणेश
मध्यप्रदेश में भगवान गणेश का अनोखा मंदिर है। ये देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। चिंतामन गणेश मंदिर के नाम से प्रसिद्ध ये स्थान भक्तों की अटूट आस्था का केंद्र है। देश के चार स्वयंभू प्रतिमाओं में से एक है गणेश जी की ये प्रतिमा। इनके अलावा राजस्थान के रणथंभौर सवाई माधोपुर, अवंतिका उज्जैन के चिंतामन गणेश, गुजरात के सिद्धपुर और चौथे मध्यप्रदेश (सीहोर) के चिंतामन गणेश मंदिर में विराजे हैं।
विक्रमादित्य के समय बना था चिंतामन गणेश मंदिर
उत्तर-पश्चिम दिशा में गोपालपुर गांव में स्थित गणेश मंदिर, उज्जैन के विक्रमादित्य के समय का है। इसके बाद इसे मराठा पेशवा बाजीराव ने मंदिर का पुन: निर्माण कराया। गणेश मंदिर जिला मुख्यालय से 3 किमी दूर है। हर बुधवार को बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन को आते हैं।
चिंतामन गणेश मंदिर में भक्त उल्टा स्वास्तिक बनाकर मांगते हैं मन्नत
पौराणक मान्यताओं के अनुसार, यहां श्रद्धालु भगवान गणेश के मंदिर के पीछे उल्टा स्वास्तिक बनाकर मन्नत मांगते हैं। जब मन्नत पूरी हो जाती है तो सीधा स्वास्तिक बनाने जरूर आते हैं। दस दिन के गणेशोत्सव में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। यहां भगवान गणेश का हर दिन नया श्रृंगार होता है। हर साल की तरह इस साल भी यहां भव्य मेला का आयोजन किया जा रहा है।
सीहोर के गणेश मंदिर में लगेगा 10 दिन का मेला
चिंतामन गणेश मंदिर में गणेश जन्मोत्सव, 31 अगस्त (गणेश चतुर्थी) बुधवार से 9 सितंबर (अनंत चर्तुदर्शी) शुक्रवार तक मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी को सुबह 4 बजे से सुबह 6 बजे तक भगवान गणेश का महाअभिषेक किया गया। इस समय दर्शनार्थीयों का गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा। दोपहर 12 बजे जन्म महाआरती होगी और मेला आरंभ होगा। इस बार 31 अगस्त को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब 20 हजार से ज्यादा बताई जा रही है।