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BHOPAL. आज 23 अक्टूबर 2022 रविवार को छोटी दिवाली है, इसे नरक चतुर्दशी के नाम से जानते हैं। हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाते हैं। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस, काली चौदस समेत कई नामों से भी जाना जाता है। इस दिन यम का दीपक जलाते हैं, जो यमराज के लिए होता है. यम का दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यम दीप जलाने से मृत्यु के बाद नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। आज के दिन हनुमान जयंती भी है।
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार छोटी दिवाली की पूजा मुहूर्त और विधि के बारे में बताते हैं कि आज शाम 05 बजकर 39 मिनट से आप अपने घर के बाहर यम के लिए सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं। इससे आपको लाभ होगा और यमराज आपको अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति प्रदान करेंगे।
छोटी दिवाली पर करें दीपदान
छोटी दिवाली के दिन यमराज की पूजा का खास महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से नरक में मिलने वाली यातनाओं से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा अकाल मृत्यु भी टल जाती है। छोटी दिवाली के दिन दीपदान करना चाहिए।
छोटी दिवाली 2022 मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: 23 अक्टूबर, रविवार, शाम 05 बजकर 04 मिनट से कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: 24, सोमवार, शाम 05 बजकर 04 मिनट पर
छोटी दिवाली 2022 पर सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग आज पूरे दिन रहेगा।
इन्द्र योग: आज प्रात:काल से शाम 04 बजकर 07 मिनट तक, उसके बाद वैधृति योग प्रारंभ
अमृत सिद्धि योग: आज दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 06 मिनट तक
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र: सुबह से दोपहर 02 बजकर 34 मिनट तक, फिर हस्त नक्षत्र प्रारंभ
छोटी दिवाली 2022 यम दीप जलाने का शुभ मुहूर्त
आज शाम 05 बजकर 39 मिनट से आप अपने घर के बाहर यम के लिए सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं. इससे आपको लाभ होगा और यमराज आपको अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति प्रदान करेंगे।
छोटी दिवाली 2022 पूजा विधि
आज नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली पर भगवान श्रीकृष्ण, यम, वीर हनुमान और काली माता की पूजा करते हैं. आज शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर इन सभी देवी और देवताओं की मूर्ति स्थापित करें। उसके बाद उनको फूल, अक्षत्, चंदन, सिंदूर, धूप, दीप, गंध, फल, मिठाई अर्पित करते हुए पूजन करें। पूजा का समापन आरती से करें. उसके बाद यम का दीपक जलाएं और उसे घर के मुख्य द्वार पर रख दें।
नरक चतुर्दशी का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभागा के साथ मिलकर असुर नरकासुर का वध किया था और उसके अत्याचार से लोगों को मुक्त किया था। इस वजह से हर साल इस तिथि पर नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाते हैं।