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BHOPAL. बच्चे देश के भविष्य होते हैं। उन्हें संवारने के लिए स्कूलों में शिक्षा दी जाती है और शिक्षा के मंदिर में पढ़-लिखकर बच्चे आगे चलकर देश का नाम रोशन करते हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के स्कूलों से कुछ ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जो न केवल दुखी और निराश करती हैं, बल्कि सरकारी दावों-वादों और व्यवस्थाओं की पोल भी खोलती हैं। ये तस्वीरें हैं विदिशा और रायसेन की, जहां बच्चों से पढ़ाई की जगह साफ-सफाई कराई जा रही है। विद्या का दान देने वाले शिक्षक देश के भविष्य को बर्तन धोने और झाड़ू लगाने में उलझा देते हैं।
विदिशा जिले के स्कूलों में शिक्षक गैरहाजिर, बच्चे कर रहे काम
विदिशा जिले के संकुल केंद्र हैदरगढ़ में एकीकृत माध्यमिक शाला गुन्नोठा के प्रभारी अनुपस्थित पाए गए। ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक रामेश्वर श्रीवास्तव दोपहर 12 से 2 बजे के बीच स्कूल पहुंचते हैं और जल्दी चले भी जाते हैं। द सूत्र की टीम जब यहां पहुंची तो बच्चे हाथ में झाड़ू थामे मिले और इस काम के लिए बच्चों को निर्देशित करती मिलीं शिक्षिका ममता गौर। हैरानी की बात ये भी है कि ममता गौर के अलावा बाकी के सभी शिक्षक स्कूल में थे ही नहीं। वहीं, प्राथमिक शाला अमरपुर में 2 नियमित शिक्षक और 2 अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं, जिनमें से मात्र एक अतिथि शिक्षक स्कूल में उपस्थित मिले। यही हाल अमरपुर की माध्यमिक शाला में भी देखने को मिला। यहां पदस्थ शिक्षक मनोज सेन और शिक्षिका वर्षा जैन अनुपस्थित मिलीं।
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए कार्रवाई के आदेश
इस संबंध में जब द सूत्र ने जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मोदगिल से बात की तो उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों की एक वेतन वृद्धि रोकी जाएगी और विभागीय जांच भी कराई जाएगी। स्कूल में झाड़ू लगाते और कचरा फेंकते मिले बच्चों के मामले में शिक्षा अधिकारी ने कहा कि स्कूल परिसर में बच्चों से साफ सफाई व झाड़ू नहीं लगवाई जा सकती है। यह गलत है। इसकी भी जांच कराकर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
रतलाम में बर्तन धोते मिले छात्र, स्टाफ ने कहा- अपनी मर्जी से धोए, हमने नहीं कहा
हाल ही में 19 सितंबर को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रतलाम में स्कूल की व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात की थी। इधर, सकरावदा के स्कूल में पड़ने वाले नन्हे बच्चे मिड डे मील का भोजन करने के बाद खुद बर्तन धोते नजर आए। यहां सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चों को खुद बर्तन साफ करना पड़ रहे हैं। जब हमने इस बारे में स्कूल के स्टॉफ से बातचीत की तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि बच्चे मर्जी से बर्तन धोते हैं।
(विदिशा से अविनाश नामदेव और रतलाम से आमीन हुसैन की रिपोर्ट।)