योगेश राठौर, INDORE. विधानसभा एक के कांग्रेसी नेता कमलेश खंडेलवाल को बीजेपी में शामिल कराने की मुहिम में लगे बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मुहिम को गुरुवार को गहरा झटका लगा। सात पीड़ितों ने कलेक्टर मनीष सिंह के पास पहुंचकर खंडेलवाल को भूमाफिया बताते हुए शिकायतों का एक पूरा पुलिंदा थमा दिया। माना जा रहा है कि खंडेलवाल को बीजेपी में लाने के विरोध के लिए व्यवस्थित तरीके से ये शिकायत कराई गई है।
शंकर यादव बीजेपी में शामिल, खंडेलवाल का नाम रोका था
इसके पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 28 जून के दौर के समय खंडेलवाल को बीजेपी में शामिल कराने की मुहिम चलती रही लेकिन तब भी कुछ नेताओं ने सीएम के पास खंडेलवाल के जमीन संबंधी मामले रख दिए थे और प्रशासन से भी फीडबैक दिलवाया था, जिसके बाद विधायक मालिनी गौड़ के समर्थक शंकर यादव को तो सीएम ने भगवा पहनाकर बीजेपी में ले लिया लेकिन खंडेलवाल के नाम को रोक दिया। पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता इस मुहिम के सबसे विरोधी है और खंडेलवाल को रोकने के लिए उन्होंने अन्य सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कर सीएम तक बातें पहुंचाई हैं।
ये है शिकायत
कलेक्टर को हुई शिकायत में कहा गया है कि भूमाफिया कमलेश खंडेलवाल उसके भाई दिनेश खंडेलवाल, मनीष शर्मा, अजय पारिख और गिरराज देवकॉन्स प्रा.लि.के अन्य डॉयरेक्टर द्वारा इंदौर की दो और बड़वाह की एक कॉलोनी में डायरियों पर जमीन बेची गई। इन कॉलोनियों में आज तक कोई डेवलपमेंट काम नहीं हुआ और न ही कई लोगों को रजिस्ट्री दी गई। शिकायतकर्ता आनंद गर्ग ने बताया कि उनके पिता ने इंदौर की छोटा बांगड़दा की कॉलोनी में प्लॉट लिया था लेकिन आज तक डेवलपमेंट नहीं हुआ। 5-5 लाख के प्लॉट सालों पहले लिए थे जो आज 50 लाख की कीमत के हो गए हैं। खंडेलवाल बंधुओं का ये घोटाला 20-25 करोड़ रुपए का है। सभी पीड़ितों ने इसमें कलेक्टर से मिलकर जांच की मांग की है। गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, बुलडोजर चलवा रहे हैं, हमने भी यही मांग की है।