REWA. नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी की अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई है। रीवा जिले के मऊगंज और हनुमना नगर परिषद में पार्टी के 8 पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बगावत कर चुनावी अखाड़े में ताल ठोंककर उतर चुके हैं। बीजेपी को सबसे तगड़ा झटका मऊगंज में लगा है यहां मण्डल अध्यक्ष राजेश वर्मा टिकट की दौड़ में शामिल थे लेकिन पार्टी ने उनपर भरोसा न करते हुए दरकिनार कर दिया लिहाजा राजेश वर्मा वार्ड क्रमांक 7 से निर्दलीय प्रत्याशी की हैसियत से चुनाव मैदान में उतर गए। इसके अलावा पूर्व पार्षद एवं मण्डल कोषाध्यक्ष बृजेश गुप्ता गोरे ने भी वार्ड क्रमांक 4 से निर्दलीय पर्चा दाखिल कर पार्टी की मुसीबत बढ़ दी है। इसी तरह महिला मोर्चा की जिला महामंत्री करुणा मिश्रा भी पार्टी को ठेंगा दिखाते हुए वार्ड क्रमांक 12 से निर्दलीय उम्मीदवार हैं।
बताया गया है कि वार्ड क्रमांक 5 से जय प्रकाश सोनी को टिकट नहीं मिली तो उन्होंने ने भी बागी तेवर दिखाते हुए निर्दलीय पर्चा भर दिया। तीन दशक तक पार्टी की सेवा करने का दम भरने वाले सीताराम सोनी के बेटे जय प्रकाश सोनी भी अब निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्टी के लिए संकट के रूप में उभरे। नगर केंद्र 2 के पालक मुन्नालाल जायसवाल भी वार्ड 14 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं .मऊगंज के 15 वार्डों में 5 प्रत्याशी भाजपा से बगावत कर किस्मत आजमा रहे हैं इनका दावा है की इन पांचों वार्डों में भाजपा को बैकफुट पर धकेल कर ही दम लेंगे। बहरहाल, किसमें कितना है दम इसका फैसला 6 जुलाई को मतदाता करेंगे। उधर- हनुमना नगर परिषद के 15 वार्डों में 3 भाजपा के नेता पार्टी गाइडलाइन के इतर चुनावी समर में भाग्य आजमा रहे हैं।
वार्ड क्रमांक 9 से पूर्व महामंत्री ज्योति गुप्ता जहां मैदान में हैं वहीं इसी वार्ड से पूर्व उपाध्यक्ष भरत लाल गुप्ता भी दो -दो हाथ करने अखाड़े में हैं। जबकि वार्ड 10 से मण्डल मंत्री श्रीमती नवनीता गुप्ता भी भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही हैं .पार्टी सूत्रों की माने तो नगरीय निकाय चुनाव के दौरान विधायक प्रदीप पटेल की उदासीनता के चलते बागियों की तादात में इजाफा हुआ है। आरोप है की चुनाव की घोषणा के बाद विधायक ने न तो पार्टी पदाधिकारियों और न ही कार्यकर्ताओं की बैठक ली टिकट बंटवारे में भी मनमानी तरीके से खैरात की तरह टिकट बांट दिए गए जिससे पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैला और हालात ऐसे बने की मण्डल अध्यक्ष को भी बगावत करनी पड़ी। इन्ही जानकारों की मानें तो बागियों को मनाने के लिए भी विधायक एवं संगठन के पदाधिकारियों ने कोई दिलचस्पी नही दिखाई जिसके चलते अब भाजपा के रास्ते में उन्ही के बागी प्रत्याशी रोड़ा अटकाने के लिए खड़े हैं। ओवरऑल अगर रीवा जिले की बात करें तो भाजपा से बगावत कर 73 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं उन्हें पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।