BHOPAL. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मुकाबला सीनियर कांग्रेसी मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच है। 14 अक्टूबर को कांग्रेस डेलिगेट्स से मुलाकात करने भोपाल पहुंचे तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने साफतौर पर कहा कि किसी भी अध्यक्ष का गांधी परिवार से दूर रहना मुमकिन ही नहीं है। यानी साफ है कि कांग्रेस प्रेसिडेंट कोई भी बने, अंतिम फैसला गांधी परिवार का ही होगा। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी, 19 अक्टूबर को नतीजा आ जाएगा। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे 12 अक्टूबर को भोपाल पहुंचे थे।
अध्यक्ष पार्टी संविधान के मुताबिक काम करेगा- थरूर
शशि थरूर ने ये भी कहा कि खड़गे जी और मेरे बीच कोई दुश्मनी नहीं है। खड़गे जी जीतें या मैं, जीत कांग्रेस की होनी चाहिए। हम गांधी परिवार के साथ और पार्टी संविधान के मुताबिक काम करेंगे। कार्यकर्ता अपने मन की आवाज पर वोट करें, किसी को उन्हें निर्देशित करने का हक नहीं है। अब अन्य पार्टियों से गठबंधन जरूरी है। आरएसएस के खिलाफ स्टैंड लेना पड़ेगा। थरूर की बातों में एक टीस भी दिखी। बोले कि कुछ राज्यों में मेरा खड़गे जैसा स्वागत नहीं हुआ। थरूर की बातों में एक टीस भी दिखी। बोले कि कुछ राज्यों में मेरा खड़गे जैसा स्वागत नहीं हुआ।
मनीष तिवारी और गहलोत का खड़गे को समर्थन
सांसद मनीष तिवारी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए थरूर के बजाय खड़गे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि खड़गे का पार्टी में काफी लंबा अनुभव रहा है और वे निचले पदों से ऊपर तक बढ़े हैं। कांग्रेस को स्थिरता की जरूरत है। मुझे लगता है कि ये खड़गे कर सकते हैं। उधर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने एक वीडियो के जरिए खड़गे का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस को विपक्ष के तौर पर मजबूत बनाएंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि जो भी डेलिगेट हैं, वो भारी बहुमत से खड़गे को कामयाब करेंगे। यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं हैं कि खड़गे साहब भारी मतों से कामयाब हों।
उदयपुर में लिए गए फैसले एक-एक कर लागू करूंगा- खड़गे
12 अक्टूबर को भोपाल में खड़गे ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं और मीडिया से कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के संविधान के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। आम डेलिगेट्स और सीनियर नेताओं ने मिलकर मुझे चुनाव में उतारा है। संगठन चुनाव में वोट मांगने पहुंचे खड़गे ने पीसीसी डेलीगेट्स से वादे भी किए। उदयपुर में लिए गए निर्णयों को एक-एक करके लागू करेंगे। ये फैसले सभी नेताओं ने मंथन के बाद मिलकर लिए हैं, लिहाजा उन्हें लागू करना पहली प्राथमिकता है। सभी को विश्वास में लेकर ही निर्णय लिए जाएंगे। पार्टी से जुड़े निर्णय लेते वक्त पार्टी नेताओं और सोनिया गांधी, राहुल गांधी से राय लेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद प्रधानमंत्री बनाए जाने के सवाल पर कहा कि हमारे यहां एक कहावत है- बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे.. पहले तो मेरा ये चुनाव खत्म होने दो। मुझे अध्यक्ष बनने दो उसके बाद देखेंगे।