REWA. भारतीय जनता पार्टी के विकास कार्यों के तिलस्म पर मंगलवार को कांग्रेस ने तीखा हमला बोला। नगर निगम चुनाव के मद्देनजर होटल सेलिब्रेशन में पत्रकारों के बीच कांग्रेस ने पानी, सड़क, बिजली, सीवर और बीहर रिवर फ्रंट जैसे प्रोजेक्ट पर पलटवार किया। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता और रीवा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा, महामंत्री डॉ. मुजीब खान और पूर्व मेयर प्रत्याशी सरदार प्रहलाद सिंह ने मीडिया के समक्ष एक-एक कर बीजेपी के विकास का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया। यही नहीं नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और शहर की बेशकीमती जमीनों के सौदों में हुए भ्रष्टाचार पर बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया। कांग्रेस ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक से शहर के लोग विकास के नाम पर सिर्फ और सिर्फ प्रताड़ित किए जा रहे हैं। उन्होंने बीजेपी से पूछा कि 15 सालों में शुरू किए गए ऐसे शहर के एक भी प्रोजेक्ट का नाम वे बताएं जो पूरा कर सके हों।
विकास कार्यों की जमीनी हकीकत
पिछले दिनों पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने पत्रकारवार्ता में गिनाए गए विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया। पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि शहर में जो विकास दिख रहा है वो एक निजी बिल्डर ने किया है। जिसके एवज में शहर के लोगों को बहुत महंगी कीमत चुकानी पड़ी है। महत्वपूर्ण और बेशकीमती जमीनें कौड़ियों के दाम बेची गई। कुछ जमीनें बाकी रह गई हैं जिसे बीहर रिवर फ्रंट के नाम पर बेचने की तैयारी है। जबकि इस प्रोजेक्ट के जद में आए शहर के लोगों को मुआवजा तक नहीं दिया गया। अभी तक रिवर फ्रंट का नामों-निशान नजर नहीं आया। शहर के अन्दर के मॉडल रोड के निर्माण में 15 साल का दर्द अब भी लोगों के जहन में बना हुआ है। यही नहीं ग्रीन रीवा क्लीन रीवा के नाम पर चलाए गए प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए का खेल हुआ। शहर में कहीं भी एक पौधा तैयार नहीं किया जा सका।
पानी, सीवर और जल निकासी में फेल
इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा ने पेयजल व्यवस्था, सीवर लाइन प्रोजेक्ट और जल निकासी पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि पूर्व मंत्री पेयजल व्यवस्था के नाम पर लोगों के साथ सालों से छल करते आ रहे हैं। अभी तक 30 फीसदी लोगों को भी ठीक से पानी नहीं मिल रहा है और बीजेपी के नेता मीठे पानी का गुणगान करते नहीं थक रहे। लोगों के घरों में बदबू और मलयुक्त पानी पहुंच रहा है जबकि 55 एमएलडी का वॉटर सप्लाई प्लांट लगा हुआ है। लेकिन तकनीकी खामियों के चलते पेयजल सप्लाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई। उन्होंने सीवर लाइन प्रोजेक्ट से शहर के 48 करोड़ रुपए की सड़कें तहस-नहस करने के बाद कम्पनी के भाग जाने का जिक्र करते हुए कहा कि 214 करोड़ रुपए का ये प्रोजेक्ट शहर के विकास पर कालिख पोत गया है। इंजीनियर शर्मा ने बारिश में शहर की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी जल निकासी पर भी बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 20 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी शहर में नालियों का निर्माण नहीं हो सका। जिससे मामूली बारिश में मोहल्लों की सड़कें और घरों में पानी भर जाता है।
स्वीपिंग मशीन का घोटाला दबाया
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 2015 में 1 करोड़ 82 लाख रुपए की कीमत से खरीदी गई स्वीपिंग मशीन में बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार हुआ था। कांग्रेस के नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान महापौर प्रत्याशी अजय मिश्रा बाबा और पार्षदों ने संयुक्त रूप से इसकी शिकायत आर्थिक अपराध शाखा में की। 48 लाख रुपए की मशीन को 1 करोड़ 82 लाख में खरीदने के मामले में फंस चुके नगर निगम प्रशासन ने इस सौदे को रद्द कर दिया था। लेकिन कम्पनी को दिए गए 1 करोड़ रुपए वापस लाने में निगम प्रशासन के पसीने छूट गए। इस सौदे में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ राजनीतिक दबाव के चलते न जांच हो पाई और न ही नगर निगम प्रशासन ने कोई कार्रवाई की।
जनता को दी गई सहूलियत छीनी
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं वरिष्ठ नेता डॉ. मुजीब खान ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कमलनाथ सरकार की आमजन को दी गई सहूलियतें छीन ली हैं। 2020 में छल से कांग्रेस की प्रदेश सरकार गिराने के बाद बीजेपी ने मनमानी तरीके से सम्पत्तिकर को 30 से 70, शिक्षा उपकर 46 रुपए कर दिया। कचरा कलेक्शन शुल्क फीस 30 रुपए महीने से 60 रुपए कर दिया। जलकर को 60 रुपए से बढ़ाकर पौने 200 रुपए कर दिया। डॉ. मुजीब खान ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांग पेंशन कमलनाथ सरकार में दोगुना कर दी गई थी। बिजली बिल 100 यूनिट पर 100 रुपए किया गया था, जिसे छलपूर्वक बीजेपी सरकार ने उपभोक्ताओं से 9 रुपए प्रति यूनिट की दर से वसूलना शुरू कर दिया। यही नहीं कमलनाथ सरकार में सामूहिक विवाह योजना की राशि 21 से 51 हजार रुपए करने, युवा रोजगार भत्ता 4 हजार रुपए किए जाने का भी जिक्र किया गया।