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भोपाल. प्रदेश कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, बीजेपी की दलित और आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ सोमवार को राजधानी में राज्य स्तरीय प्रदर्शन का आयोजन किया। इसके तहत प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर सभा के बाद पार्टी नेताओं को विधानसभा का घेराव करना था। सभा खत्म होने के बाद जब विधानसभा के घेराव की बारी आई तो पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सिर्फ राघौगढ़ के विधायक जयवर्धन सिंह ही सड़क पर नजर आए। इससे पहले भाषणबाजी के समय मंच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की भीड़ मौजूद थी।
जयवर्धन के साथ कमलेश्वर पटेल ने भी दी गिरफ्तारी
आदिवासियों के मुद्दे पर विधानसभा से वॉकआउट करने के बाद कांग्रेस विधायक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। यहां आदिवासियों के समर्थन में सभा का आयोजन किया गया था। इस दौरान मंच पर पीसीसी (PCC) चीफ कमलनाथ, अनुसूचित जाति विभाग प्रमुख डॉ नितिन राऊत, अरुण यादव, सज्जन सिंह वर्मा, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मंच से नेताओं ने भाषण दिए और बीजेपी की नीतियों को देशविरोधी बताया। भाषण के बाद विधानसभा के घेराव की बारी आई तो सिर्फ जयवर्धन सिंह ही कार्यकर्ताओं के साथ नजर आए। हालांकि कुछ देर बाद विधायक कमलेश्वर पटेल जरूर उनका साथ देने पहुंचे। जयवर्धन और पटेल की बकायदा पुलिस के साथ झूमाझटकी हुई और दोनों ने गिरफ्तारी भी दी।
खुद को साबित करने में जुटे जयवर्धन
जयवर्धन सिंह इन दिनों पार्टी के मोर्चे पर सक्रिय हैं। उनके चाचा और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह ने पिछले दिनों ये कहा था कि ग्वालियर-चंबल में यदि सिंधिया को टक्कर देना है तो युवा चेहरों को मौका देना होगा। एक तरह से लक्ष्मण सिंह ने जयवर्धन सिंह की वकालत की थी। जयवर्धन इस लिहाज से सक्रिय भी हैं, पिछले दिनों उन्होंने बरसते पानी में गुना में 36 किमी लंबी किसान सम्मान पदयात्रा निकाली। उसके बाद धरना भी दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि 2023 की कमान कांग्रेस युवाओं के हाथों में सौंपेगी। युवा नेताओं की फेहरिस्त में जयवर्धन सिंह भी हैं जो नेतृत्व क्षमता के ले अपने आप को साबित करने में जुटे हैं।